Friday, 23rd May 2025

जिले की 4 पंचायत समितियों में कांग्रेस ‘प्रधान’:चुनाव परिणाम हनुमानगढ़, टिब्बी, संगरिया, पीलीबंगा में कांग्रेस जीती, नोहर, भादरा रावतसर में स्पष्ट बहुमत नहीं

Wed, Dec 9, 2020 9:25 PM

  • भादरा, नोहर और रावतसर पंचायत समितियों में भाजपा ने बचाई लाज लेकिन बहमुत नहीं हुआ हासिल
  • नोहर पंचायत समिति में कांग्रेस बहुमत से एक सीट दूर, प्रधान की चाबी माकपा व निर्दलीय के हाथ में
  • भादरा में माकपा-भाजपा ने जीती 10-10 सीटें कांग्रेस निर्दलीयों के सहारे प्रधान बनने की उम्मीद
 

जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए जिले की सात में से 4 पंचायत समितियों में स्पष्ट बहुत हासिल किया है। भाजपा से जिला प्रमुखी छीनते हुए 19 जोन में परचम लहराया है। भाजपा को 8 व माकपा को 2 जोन में जीत मिली है। नतीजों में बड़ी जीत से कांग्रेस पार्टी में खुशी का माहौल है, वहीं भाजपा खेमे में मायूसी छा गई। कांग्रेस ने प्रधान व जिला प्रमुख बनाने को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हनुमानगढ़, संगरिया, टिब्बी, पीलीबंगा में कांग्रेस के प्रधान बनेंगे। नोहर पंचायत समिति में कांग्रेस बहुमत से एक सीट दूर है। यहां प्रधान बनाने की चाबी माकपा व निर्दलीय के हाथ में है। रावतसर पंचायत समिति में भाजपा व कांग्रेस किसी को भी बहुमत नहीं मिला।

यहां भाजपा ने 7 तो कांग्रेस ने 6 ब्लॉकों में जीत दर्ज की। 2 ब्लॉक में निर्दलीय उम्मीदवार विजेता रहे। भादरा पंचायत समिति में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन कांग्रेस व निर्दलीय के सहयोग से यहां माकपा का प्रधान बनना तय माना जा रहा है। इन चुनावों में सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ है। गत चुनावों में जहां 4 पंचायत समितियों में भाजपा के प्रधान बने थे, वहीं इस बार एक भी पंचायत समिति में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला।

माकपा ने जोरदार प्रदर्शन किया है। जिला परिषद में 5 वर्ष पहले जहां माकपा का एक डायरेक्टर था, वहीं इस बार 2 विजयी हुए हैं। इसके साथ भादरा पंचायत समिति में प्रधान बनाने की दहलीज पर माकपा पहुंच चुकी है। यहां माकपा ने 27 में से 10 ब्लॉकों में जीत हासिल की है। 10 ब्लॉकों में ही भाजपा विजयी हुई है। कांग्रेस तीन ब्लॉकों में ही सिमट गई। 4 ब्लॉक में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस व निर्दलियों के सहयोग से माकपा अपना प्रधान बनाएगी।

पंचायत समितियों का लेखा-जोखा, प्रधान के दावेदार और समीकरण, हार-जीत के कारण

हनुमानगढ़...प्रधान पद के लिए इंद्रा जाखड़ का नाम लगभग तय है। इंद्रा देवी पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ की पत्नी है। जाखड़ की गिनती हनुमानगढ़ विधायक चौधरी विनोद कुमार के विश्वासपात्र लोगों में होती है। ब्लॉक 6 से विजयी हुए कर्ण गोदारा का नाम भी चल रहा है। हनुमानगढ़ पंचायत समिति में लगातार दूसरी बार कांग्रेस का प्रधान बनेगा।
कारण...विधायक चौधरी विनोद कुमार के नेतृत्व से कांग्रेस को फायदा और भाजपा कार्यकर्ताओं में आपसी समन्वय की कमी हार का कारण रही।

भादरा...जनता ने किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया। भाजपा व माकपा 10-10 सीटें तो कांग्रेस को केवल 3 सीटें मिली हैं, निर्दलीय जीते प्रत्याशियों में से 3 पूर्व संसदीय सचिव जयदीप डूडी के समर्थित हैं। आकलन यह भी है कि राज्य सरकार के दबाव से नोहर और भादरा में कांग्रेस व माकपा आपस में समझौता कर सकती है। प्रधान को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कारण...प्रदेश में कांग्रेस की सरकार और माकपा विधायक बलवान पूनियां का कांग्रेस को समर्थन माना जा रहा है।

संगरिया...कांग्रेस ने 15 में से 10 सीटें हासिल कर बहुमत हासिल किया है। भाजपा 4 सीटों पर ही सिमट गई। 1 निर्दलीय ने सीट हासिल की है। पिछला बोर्ड भाजपा का था। प्रधान रजनी-मोहन मेघवाल बनी थी। पिछली बार कांग्रेस को चार सीटें आई थी जो अबकी बार बीजेपी का आंकड़ा हैं। पिछले चुनावों में बीजेपी के पास सात सीटें थी और चार निर्दलीय थे।
कारण...राजस्थान में सत्ता कांग्रेस की होने और कांग्रेस पीसीसी सदस्य शबनम गोदारा आमजन के बीच में रही।

नोहर...27 ब्लॉक में कांग्रेस 13 सीटों पर विजयी हुई। जबकि भाजपा को 10, माकपा को 3 व 1 सीट निर्दलीय के खाते में गई। कांग्रेस का प्रधान बनना करीब-करीब तय हो गया। हालांकि कांग्रेस को बहुमत से 1 सीट कम मिली है। कांग्रेस की ओर से प्रधान पद के लिए सोहन ढिल, रामकुमार सैनी व संतोष देवी को दावेदार माना जा रहा है। वहींं माकपा को किंग मेकर माना जा रहा है।
कारण...राज्य में कांग्रेस की सरकार का होना और विधायक अमित चाचाण का कार्यकर्ताओं से सामंजस्य।

रावतसर...प्रधान की बाजी निर्दलीय के हाथों में रहेगी। 15 में से भाजपा ने 7, कांग्रेस ने 6 व निर्दलीय के रूप में 2 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। बहुमत के लिए 8 का आंकड़ा छूने के लिए दोनों पार्टियों की निगाहें अब निर्दलीयों पर टिकी हुई हैं। अभी प्रधान कांग्रेस का था। विगत चुनाव में जहां भाजपा ने महज 2 सीटों पर जीत दर्ज की वहीं इस चुनाव में 7 सीट पर जीत दर्ज की है कांग्रेस 9 से महज 6 पर आई है।
कारण...भाजपा ने टीम वर्क से काम किया जबकि कांग्रेस की कमान अकेले विनोद गोठवाल संभाल रहे थे।

टिब्बी...17 में से 11 कांग्रेस, 3 बीजेपी, 2 निर्दलीय व एक बीएसपी के सदस्य जीते हैं। प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। ब्लॉक 12 से बीएसपी ने जीत दर्ज की है। प्रधान बनने की कवायद जोरों पर हैं। इसके कई दावेदार हैं। पंचायत समिति के बनने के बाद से दो कार्यकाल पूरे हुए थे। इसमें ब्लॉक 12 से विजय प्रत्याशी रोचक तरीके से बीजेपी द्वारा क्रॉस वोटिंग व लॉटरी से पहली बार कांग्रेस व दूसरी बार कांग्रेस के विजय प्रत्याशी द्वारा क्रॉस वोटिंग व निर्दलीय के समर्थन से बीजेपी का प्रधान बना था।
कारण...टिकटों का बंटवारा कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर किया। किसान मुद्दों का असर भी वोटिंग पर पड़ा।

पीलीबंगा...पीलीबंगा पंचायत समिति क्षेत्र में कांग्रेस ने 16, भाजपा ने 2 व निर्दलीयों ने 1 सीट हासिल की। कांग्रेस को मिली जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में प्रधान बनाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है। विगत बोर्ड में कांग्रेस के प्रेमराज जाखड़ प्रधान चुने गए थे। इससे पूर्व वर्ष 2010 में हुए चुनाव में भाजपा के काका सिंह पीलीबंगा पंचायत समिति के पहले प्रधान चुने गए थे। अब प्रधानगी के कई चेहरे सामने हैं। सर्वसम्मति से निर्णय हो पाएगा।
कारण...विधानसभा का चुनाव लड़ चुके पीसीसी सदस्य विनोद गोठवाल की ग्रामीण क्षेत्र में अच्छी पकड़। कार्यकर्ताओं की आपसी राय से टिकट वितरण किया जाना।

फैसला सर्वोपरि, कांग्रेस विकास करवाए
जनता का फैसला सर्वोपरि है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और उम्मीद करते हैं गांवों का सर्वांगीण विकास करवाए। किसानों की बात करने वाली कांग्रेस पार्टी बताए कि उन्होंने कौनसा कार्य किसान हित में किया है। भाजपा आमजन की समस्याओं का प्रमुखता से उठाती रहेगी।
बलवीर बिश्नोई, भाजपा जिलाध्यक्ष, हनुमानगढ़

खरे उतरेंगे, करवाएंगे विकास कार्य
जनता ने कांग्रेस पार्टी पर भरोसा जताया है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा करवाए जा रहे जनहित के कार्यों पर मतदाताओं ने मुहर लगाई है। ग्रामीण क्षेत्र के चहूंमुखी विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधि कार्य करेंगे। कांग्रेस के कामों से हर वर्ग संतुष्ट है, यह इन चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है।

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