छत्तीसगढ़ के कोरिया में रविवार देर शाम से लेकर रात तक भालू ने जमकर उत्पात मचाया। हर्रा एकत्र कर गांव लौट रहे ग्रामीणों पर भालू ने हमला कर दिया। इस हमले में 2 महिलाओं सहित 4 की मौत हो गई। जबकि 4 महिलाओं सहित 5 लोग घायल हैं। इनमें 3 की हालत गंभीर है। वहीं एक युवक अभी तक लापता है और एक को वन विभाग की टीम ने रात करीब 1.30 बजे रेस्क्यू कर बचाया।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत दामुज के आश्रित गांव अंगवाही के 10 लोग देवगढ़ जंगल में हर्रा एकत्र करने गए थे। शाम करीब 5 बजे लौटते समय मादा भालू ने अचानक ग्रामीणों पर हमला कर दिया। इसमें फूल साय पंडो (60), राम बाई बाई (65) और एक अन्य पुरूष व एक महिला की जान चली गई। जबकि घटना में बसंती, सोनमति, कमला बाई, पीलर और बाँबी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। भालू के हमले से बचने के लिए दो लोग पेड़ पर चढ़ गए थे। इनमें से एक महिला को भालू ने पेड़ से नीचे खींचकर मार दिया। जबकि दूसरे को रात करीब 1.30 बजे वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया। घायलों को 108 संजीवनी एक्सप्रेस से जिला अस्पताल बैकुंठपुर भेजा गया है। जबकि लापता युवक की तलाश की जा रही है।
देर रात तक लाश के पास डटा रहा भालू
घटना स्थल पर देर रात कलेक्टर एसएन राठौर, CCF और SP चंद्रमोहन सिंह भी पहुंच गए। घटना के बाद वन विभाग की टीम ने दो शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल भेज दिया है। जबकि दो शव के पास से भालू को हटाने का काम चलता रहा। तड़के करीब 4 बजे तक वन अमला वहीं डटा रहा। इसके बाद ही शवों को कब्जे में लिया जा सका। इसके बाद उन्हें भी पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
भालू को मारने की मांग को लेकर अड़े हैं ग्रामीण
अफसरों और विधायक गुलाब कमरो के पहुंचने के बाद ग्रामीण भी वहां एकत्रित हो गए और भालू को मारने की मांग शुरू कर दी। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने वाइल्ड लाइफ से इसकी अनुमति नहीं होने का हवाला देकर इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि जामवंत प्रोजेक्ट में की गई लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
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