फेस्टिव सीजन के बाद भी पिछले महीने गोल्ड का आयात साल-दर-साल आधार पर 41 फीसदी गिरकर 33.1 टन पर आ गया। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़े की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि अक्टूबर के 29 टन के मुकाबले हालांकि नवंबर के आयात में 14.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जनवरी से नवंबर तक देश का गोल्ड आयात साल-दर-साल आधार पर 63 फीसदी घटकर 220.2 टन रहने का अनुमान है।
देश के ज्वेलर्स के लिए 2020 बिक्री के लिहाज से सबसे बुरा साल साबित हो सकता है। कोरोनावायरस महामारी, ऊंची कीमत और कमजोर आर्थिक हालात के कारण ग्राहकों की गोल्ड खरीदने की क्षमता बुरी तरह से प्रभावित हुई है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड उपभोक्ता है।
दिवाली के दौरान गोल्ड की मांग साल-दर-साल आधार पर करीब 70% रही
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के मुताबिक दिवाली के दौरान देश में गोल्ड की मांग पिछले साल के स्तर के मुकाबले महज करीब 70 फीसदी रही। जबकि भारत की अधिकांश आबादी के लिए दिवाली गोल्ड ज्वेलरी खरीदने का सबसे शुभ अवसर होता है। हालांकि कोरोनावायरस वैक्सीन की उम्मीद जगने के कारण निवेशक इन दिनों गोल्ड खरीदने में ज्यादा रुचि नहीं ले रहे हैं।
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