इस खरीफ सीजन में रिकॉर्ड 1,082.22 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोवाई हो चुकी है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह पिछले खरीफ सीजन की तुलना में 13 लाख हेक्टेयर अधिक है। खरीफ सीजन 2019 के दौरान कुल रकबा 1,069.5 लाख हेक्टेयर था। इससे पहले खरीफ सीजन में रिकॉर्ड बोवाई 2016 के दौरान 1,075.71 लाख हेक्टेयर में हुई थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन का आंकड़ा 29.83 करोड़ टन को पार कर जाने का पूरा विश्वास है। इसमें खरीफ फसलों का योगदान 14.99 करोड़ टन रहने का अनुमान है। खरीफ सीजन की फसलें मुख्य रूप से बारिश आधारित होती है और इस वर्ष मानसून अच्छा रहा है।
कोरोना महामारी का खरीफ फसलों की बोवाई पर कोई असर नहीं
कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी का खरीफ फसलों की बोवाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस कृषि क्षेत्र की प्रगति पर है। कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी कृषि से संबंधित तमाम गतिविधियों को छूट दी गई, जिसका परिणाम यह हुआ है रबी फसलों की कटाई निर्बाध तरीके से हो पाई और ग्रीष्मकालीन फसलों की बुवाई भी पिछली बार से करीब 40 फीसदी ज्यादा हुई।
धान का रकबा पिछले साल से करीब 10% बढ़ा है
चालू बोवाई सीजन में धान का रकबा पिछले साल से करीब 10 फीसदी बढ़कर 389.81 लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं, दलहनों का रकबा पिछले साल से 4.60 फीसदी बढ़कर 134.57 लाख हेक्टेयर हो गया है। किसानों ने इस साल मोटे अनाजों की बुवाई 176.89 लाख हेक्टेयर में की है, जोकि पिछले साल से 2.55 फीसदी अधिक है। तिलहन फसलों की बुवाई 193.29 लाख हेक्टेयर में हुई जो कि पिछले साल से 13.04 फीसदी ज्यादा है। गन्ने का रकबा 52.29 लाख हेक्टेयर और कपास का 128.41 लाख हेक्टेयर हो चुका है। वहीं, जूट व मेस्ता की बुवाई 6.97 लाख हेक्टेयर में हुई है।
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