महंगाई को ध्यान में रखते हुए आरबीआई की कमिटी ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया, जो 4% है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 3 दिनों तक चली कमिटी की बैठक के बाद शुक्रवार को कहा- आशंका है कि महंगाई दर अब भी ऊंचे स्तर पर रह सकती है। हालांकि, सर्दियों में इसमें थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि महंगाई की दर ऊंची रहने का कारण सप्लाई चेन में दिक्कत है। जानकारों ने पहले भी अनुमान जताया था कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। फैसले के बाद रेपो रेट 4%, रिवर्स रेपो रेट 3.35%, कैश रिजर्व रेशियो 3% और बैंक रेट 4.25% के स्तर पर बरकरार हैं।
खुदरा महंगाई 6.8% रह सकती है
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- खुदरा महंगाई वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 6.8%, चौथी तिमाही में 5.8% रहने का अनुमान है। RBI ने इससे पहले अक्टूबर की मॉनिटरी पॉलिसी में अनुमान जताया था कि 2020-21 में देश की जीडीपी में 9.5% की गिरावट आ सकती है। तीसरी तिमाही में 5.6% की गिरावट का अनुमान था। वहीं, चौथी तिमाही में GDP में आधा पर्सेंट की बढ़त का अनुमान लगाया था।
CPI की दर 6.8% रहने का अनुमान
तीसरी तिमाही में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) की महंगाई दर 6.8% पर रहने का अनुमान है। रीयल GDP ग्रोथ रेट वित्त वर्ष 2021 में -7.5% रहने का अनुमान है। गवर्नर ने कहा कि फाइनेंशियल मार्केट अच्छा काम कर रहा है। गांवों की मांग में रिकवरी में मजबूती की उम्मीद है। आगे भी यह जारी रहेगी। सिस्टम में लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए सही वक्त पर हम तमाम साधनों का उपयोग करेंगे।
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