मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर बस्तर अंचल में नक्सल समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि बस्तर अंचल में नक्सलवाद की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक है कि वर्तमान में जारी रणनीति के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाए। इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बेरोजगार विवश होकर नक्सली समूहों में शामिल न हो।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि बस्तर अंचल में लौह अयस्क प्रचुरता से उपलब्ध है। यदि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए, तो वहां सैकड़ों करोड़ का निवेश तथा हजारों की संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर निर्मित होंगे। बघेल ने लिखा कि वर्तमान में आकांक्षी जिलों को केन्द्र सरकार की ओर से पृथक से कोई आर्थिक अनुदान नहीं दिया जा रहा। बस्तर अंचल के सातों जिले आकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हित हैं। उचित होगा कि लोगों की आजीविका के साधनों के विकास हेतु कलेक्टरों को कम से कम 50-50 करोड़ रुपए की राशि प्रतिवर्ष दी जाये।
सौर ऊर्जा और प्रसंस्करण इकाइयों के लिये मदद
मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिये भी मदद मांगी है। उन्होंने लिखा कि कठिन भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंच पाई है। सौर उर्जा संयंत्रों की बड़ी संख्या में स्थापना से ही आमजन की उर्जा आवश्यकता की पूर्ति तथा उनका आर्थिक विकास संभव है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया है कि वनांचलों में लघु वनोपज, वन औषधियां तथा अनेक प्रकार की उद्यानिकी फसलें होती है। लेकिन उनके प्रसंस्करण एवं विक्रय की व्यवस्था न होने के कारण संग्राहकों को इनका समुचित लाभ प्राप्त नही हो रहा है। उन क्षेत्रों में स्थापित होने वाली प्रसंस्करण इकाइयों एवं कोल्ड चेन निर्मित करने के लिये उदारतापूर्वक अनुदान दिये जाने की आवश्यकता है।
बोधघाट परियोजना की भी बात
मुख्यमंत्री ने बस्तर में इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना की भी बात की है। मुख्यमंत्री ने लिखा कि क्रियान्वयन से सिंचाई एवं उर्जा क्षमता के विकास से बस्तर अंचल का काया कल्प हो जायेगा। इस परियोजना की स्थापना हेतु भी केन्द्र सरकार से सहायता अपेक्षित है।
पांच अतिरिक्त केंद्रीय बटालियनों की तैनाती मंजूर
छत्तीसगढ़ के लिये वर्ष 2018 में आवंटित की गई 7 अतिरिक्त सीआरपीएफ बटालियन में से 5 बटालियनों को तत्काल बस्तर क्षेत्र में तैनात किए जाने के लिये निर्देश हुआ है। इसके लिये मुख्यमंत्री कई बार पत्र लिख चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिये धन्यवाद दिया है।
मार्च 2021 में सेना की विशेष रैली
बस्तर क्षेत्र के युवाओं को राष्ट्रीय पटल पर देश सेवा एवं रोजगार के अवसर देने के लिये सेना की विशेष भर्ती रैली मार्च 2021 में बस्तर संभाग में आयोजित हो सकती है। रक्षा मंत्रालय इसके लिये विचार कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, इसके माध्यम से नक्सल विरोधी अभियान में हमें निर्णायक बढ़त प्राप्त होगी।
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