सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। BSF के बर्खास्त कॉन्स्टेबल तेजबहादुर ने यह याचिका दाखिल की थी। उन्होंने वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उनका पर्चा निरस्त कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 नवंबर को इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले, तेजबहादुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि वे न तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही उन्होंने मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा है। इसलिए, उनकी याचिका रद्द की जाती है। इस फैसले के खिलाफ ही तेजबहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
तेजबहादुर ने दो बार पर्चा दाखिल किया था
BSF के बर्खास्त कॉन्स्टेबल को वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने दो चुनावी एफिडेविट में नौकरी से बर्खास्त होने की अलग-अलग वजह बताने पर नोटिस जारी किया था। जवाब से संतुष्ट न होने पर चुनाव आयोग ने उनका पर्चा निरस्त कर दिया था।
दरअसल, सपा-बसपा गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चुनाव लड़ने के लिए तेजबहादुर को टिकट दिया था। लेकिन, वे इससे पहले भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर भी नामांकन दाखिल कर चुके थे। दोनों बार के एफिडेविट में नौकरी से बर्खास्तगी की अलग-अलग वजह लिखने पर उन्हें नोटिस जारी किया गया था।
BSF ने अनुशासनहीनता पर बर्खास्त किया था
तेजबहादुर ने BSF में खाने की क्वालिटी को लेकर सवाल उठाए थे। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस पर रक्षा मंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। बाद में BSF ने अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
Comment Now