छत्तीसगढ़ के बिलासपुर मेयर रामशरण यादव ने सोमवार को गौरा-गौरी पूजन में हिस्सा लिया। उन्होंने पूजा-अर्चना की और फिर विर्सजन के दौरान समाज के लोगों की मांग पर महापौर ने जमकर मांदर बजाया और थिरके। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की परंपरा का भी निर्वहन किया और हाथों पर सोटे से वार भी कराया। महापौर ने कहा कि यह सुंदर परंपरा सबकी खुशहाली के लिए निभाई जाती है।
सिरगिट्टी के बन्नाक चौक के पास बूढ़ा देव मोहल्ले में गौरा-गौरी की परंपरा 65 साल से लोग मानते आ रहे हैं। इस दौरान क्षेत्र के लोग खुशहाली की कामना करते हैं। मेयर रामशरण यादव इसी परंपरा का हिस्सा बनने के लिए पहुंचे थे। मेयर यादव ने कहा, सोंटा मारने की परंपरा छत्तीसगढ़ के हर गांव और शहरी इलाकों में की जाती है। थोड़ा दर्द सहकर ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट किया जाता है।
दीपावली के अवसर पर गौरा-गौरी पूजन का विशेष महत्व
महापौर यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में दीपावली के अवसर पर गौरी-गौरा (शंकर और पार्वती) के पूजन का विशेष महत्व है। दीपावली की रात गौरा-गौरी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करने की परंपरा यहां के स्थानीय लोगों के बीच प्रचलित है। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। इस दौरान लोग नाचते गाते हैं और सोटे खाने जैसी परंपराएं निभाई जाती है।
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