आज 12वीं ब्रिक्स समिट का आयोजन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन करने जा रहे हैं। इस वर्चुअल समिट में नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। समिट के दौरान ब्रिक्स देशों के भी आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें कोविड-19 से निपटने के उपाय, काउंटर टेरेरिज्म, ट्रेड और हेल्थ शामिल हैं।
द्विपक्षीय विवादित मुद्दे नहीं उठाए जा सकेंगे
समिट के पहले रूस ने साफ कर दिया है कि इस मंच का इस्तेमाल द्विपक्षीय विवादित उठाने के लिए नहीं किया जा सकेगा। भारत और चीन दोनों को ब्रिक्स से फायदा हुआ है। माना जा रहा है कि मोदी आतंकवाद के मुद्दे पर फोकस करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री टेरर फाइनेंसिंग और ड्रग ट्रैफिकिंग का जिक्र भी कर सकते हैं। मोदी ने ब्राजील में हुई 11वीं समिट में साफ तौर पर कहा था विकास की राह में सबसे बड़ा रोढ़ा आतंकवाद है।
दूसरी बार आमने-सामने
भारत और चीन के बीच लद्दाख में मई से जारी तनाव के बाद यह सिर्फ दूसरा मौका होगा जब मोदी और जिनपिंग आमने-सामने होंगे। पिछले हफ्ते एससीओ मीटिंग में जिनपिंग के अलावा पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी शामिल हुए थे। तब मोदी ने एक दूसरे की संप्रभुता और अखंडता के सम्मान का संदेश दिया था।
13वीं ब्रिक्स समिट का आयोजन भारत करेगा। ब्रिक्स के बाद मोदी और जिनपिंग की अगली मुलाकात जी-20 समिट में हो सकती है। यह समिट अगले हफ्ते होगी।
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