पुराने बस स्टैंड के सराय भवन में म्यूजियम बनाए जाने के लिए इस भवन को अतिक्रमण मुक्त कराकर मरम्मत कराई गई थी। वहीं परिसर में बाउंड्रीवाल बनवाकर अलग-अलग किस्म के पौधे भी लगाए थे। इसके पीछे याेजना थी कि शहर की 133 साल पुरानी इस धरोहर संवारने के साथ ही इसमें जनसहयोग से म्यूजियम बनाया जा सके, लेकिन अब यह भवन अनदेखी के कारण खंडहर में बदलता जा रहा है। शहर के पुराना बस स्टैंड स्थित सराय भवन में सालों से लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था। यहां अवैध तरीके से लोगों ने दुकानें लगा ली थीं। इस भवन काे तत्कालीन कलेक्टर निधि निवेदिता ने अतिक्रमण मुक्त कराकर परिसर को साफ-सुथरा कराया था। इसके साथ ही सराय भवन के आसपास बाउंड्रीवाल बनवाकर यहां फल-फूलदार किस्माें के पौधे भी लगाए थे। इसके साथ ही भवन का जनसहयोग से जीर्णोद्धार कर यहां राजगढ़ जिले की संस्कृति व धरोहर को लेकर म्यूजियम बनाया जाना था, लेकिन इसी बीच उनका स्थानांतरण भोपाल हो गया। इसके बाद से म्यूजियम बनाने का काम तो अधूरा रह गया, वहीं अब यह भवन दोबारा से खंडहर होने लगा और यहां लगाए गए पौधे भी सूखने लगी। वहीं देखरेख के अभाव में यहां का सौंदर्यीकरण का काम बर्बाद होने के साथ ही लोगों ने दोबारा कब्जा जमाना शुरू कर दिया।
सन 1887 में राजा बलभद्र सिंह ने बनाया था सराय भवन
लोगों की सुविधा व आरामदायक विश्राम के लिए राजा बलभद्र ने 1887 में सराय भवन का निर्माण कराया था। ताकि यहां राज्य में आने वाले लोग इस सराय में रुककर विश्राम कर सकें। वही उनके भाेजन-पानी का इंतजाम भी हो सके। सराय में आजादी के पहले तक सब कुछ बेहतर तरीके से संचालित होता रहा, लेकिन धीरे-धीरे यहां लोगों ने कब्जा करना शुरू कर दिया। 50 से अधिक अतिक्रमणकारियों की दुकानें व भंडार घर के कब्जे हटाए गए थे लेकिन फिर पुराने हालात होने लगे हैं।
योजना को पूरा कराने के प्रयास करेंगे
^हमने शहर के सौन्दर्यीकरण के लिए इसकी शुरुआत की थी। जहां शहर की संस्कृति व धरोहर को लेकर म्यूजियम बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन कलेक्टर के तबादले के बाद यह प्रोजेक्ट रुक गया है। मैं वर्तमान कलेक्टर से चर्चा कर इसे पूरा कराने का प्रयास करूंगा।
-बापू सिंह तंवर, विधायक, राजगढ़।
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