प्रदेश महान देशभक्त बिरसा मुण्डा की जयंती पर उनके बलिदान को याद करते हुए जनजाति गौरव दिवस मना रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन में प्रदेश के जनजातीय नायकों के शौर्य और वीरता का उजला इतिहास रहा है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही। वे रविवार को मप्र जनजातीय संग्रहालय में शहीद बिरसा मुण्डा की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 नवंबर को बिरसा मुण्डा का जन्मदिवस हर वर्ष जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष 25 नवंबर को जनजातीय नायकों को सम्मान देने के लिए एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग किया जाएगा।
प्रदेश में समरसता छात्रावास बनाए जाएंगे, जिसमें समाज के हर वर्ग के बच्चे पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी छात्रावासों में निश्चित प्रतिशत में जनजातीय छात्र-छात्राओं के लिए सीट आरक्षित की जाएंगी। । अनुसूचित जनजाति छात्रावास में 10 प्रतिशत स्थान पर सभी वर्गों के गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। नियम विरूद्ध बिना लायसेंस ऊंची दर पर ब्याज देने वाले सूदखोरों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए कानून बनाया गया है।
शाह का स्मारक बनाया जाएगा
चौहान ने कहा कि कम दाम पर वनोपज बिकेगी तो समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार उसे खरीदेगी। कोदो-कुटकी, ज्वार, मक्का आदि के खाद्य प्रसंस्करण के प्रयास होंगे। पांचवी अनुसूची के प्रावधानों पर विचार कर अमल में लाया जाएगा।
राजाशंकर शाह और रघुनाथ शाह का स्मारक जबलपुर में 5 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। वहीं सीएम चौहान ने मप्र माध्यम द्वारा जनजातीय जननायकों के आत्मसम्मान पर आधारित लघु फिल्म ‘रणबांकुरे’ और ‘रणबांकुरे’ फोल्डर का विमोचन किया। अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे और संस्कृति पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर उपस्थित थीं।
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