Friday, 23rd May 2025

विरोध का तरीका:केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ छत्तीसगढ़ से 16.54 लाख हस्ताक्षर, कांग्रेस ने चलाया था अभियान

Fri, Nov 13, 2020 9:20 PM

  • पीसीसी ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को सौंपी जिलावार सूची
  • प्रदेश कांग्रेस ने 20 लाख हस्ताक्षर लेने का तय किया था लक्ष्य
 

केन्द्र सरकार के कृषि संबंधित तीन कानूनों के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदेश के 16 लाख 54 हजार 532 लोगों के हस्ताक्षर लेकर ज्ञापन को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पास भेजा है। AICC 19 नवंबर को देशभर के किसानों से करवायें गये ऐसे हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपेगी।

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी PL पुनिया को किसान, खेत, मजदूर, मंडी समितियों, पशुधन बाजार समितियों में राज्य में कराए गये हस्ताक्षरों की जिलेवार रिपोर्ट सौंपा है। कांग्रेस ने इन कानूनों के खिलाफ पूरे प्रदेश में एक महीने तक हस्ताक्षर अभियान के साथ धरना, प्रदर्शन, जनजागरण अभियान चलाया था। हस्ताक्षर अभियान 2 अक्टूबर से शुरू हुआ था।

पिछले एक सप्ताह में इन्हें विभिन्न जिलों से प्रदेश मुख्यालय भेजा जा रहा था। हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन का संकलन पूरा होने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने इसे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को सौंप दिया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस को 20 लाख लोगों के हस्ताक्षर कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

कानूनों को बेनकाब किया

PCC संचार विभाग के सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जनता के बीच कृषि कानून से होने वाले नुकसान तथा देश की खेती को पूंजीपतियों का सौपने के षड़यंत्र को बेनकाब किया है। उन्होंने बताया कि हस्ताक्षर अभियान के दौरान किसानों में केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रोश स्पष्ट दिख रहा था।

जांजगीर-चांपा जिले से सबसे अधिक हस्ताक्षर

किसान कांग्रेस की सूची के मुताबिक, जांजगीर-चांपा जिले से एक लाख 21 हजार 500 लोगों के हस्ताक्षर लिये गये हैं। यह प्रदेश में सर्वाधिक हस्ताक्षर वाला जिला है। जांजगीर-चांपा सबसे अधिक धान उत्पादक जिलों में भी शामिल है। इसके बाद रायपुर जिले का नंबर है। रायपुर ग्रामीण जिले से एक लाख 15 हजार 843 और शहर से 10 हजार हस्ताक्षर मिले हैं। रायगढ़ के शहर और ग्रामीण जिलों को मिलाकर कांग्रेस एक लाख से अधिक हस्ताक्षर जुटाने में सफल रही है।

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