बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा ने वहां पूरा दम लगा रखा है। शाह ने बंगाल दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को कोलकाता में कहा कि पश्चिम बंगाल में तुष्टिकरण की राजनीति से यहां की महान परंपरा आहत हुई है। बंगाल पूरे देश के आध्यात्मिक और धार्मिक चेतना का केंद्र रहा है। बंगाल को यह गौरव फिर से हासिल करना चाहिए। यहां के लोगों को एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में अपने पुराने दिनों को वापस लाना चाहिए।
मतुआ परिवार के साथ लंच किया
शाह ने गौरांग नगर में आदिवासी मतुआ समुदाय के लोगों के घर लंच किया। मतुआ कम्युनिटी के लोग पाकिस्तान से यहां आए थे। वे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत भारत की नागरिकता चाहते हैं। 2019 में उन्होंने भाजपा को वोट दिया था। इस कम्युनिटी के सांसद शांतनु ठाकुर ने CAA में देरी होने की शिकायत भी की थी। अब माना जा रहा है कि अमित शाह ने उनकी समुदाय के लोगों के साथ खाना खाकर शिकायत भी दूर कर दी और बंगाल चुनाव में CAA का मुद्दा भी ले आए।
'बंगाल पूरे देश की चेतना का केंद्र'
इससे पहले शाह ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा की।
दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा करने के बाद शाह ने पद्म भूषण अवॉर्डी क्लासिकल सिंगर पंडित अजॉय चक्रबर्ती से मुलाकात की। इससे बाद ईस्टर्न जोन कल्चरल सेंटर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की।
Comment Now