हरिफाटक क्षेत्र में रविवार को प्रशासन ने लगभग 67 करोड़ की 16 हेक्टेयर बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा जमींदोज कर सरकारी नियंत्रण में लिया है। कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार उक्त जमीन 1950 से पहले ताकायमी उद्योग लगाने के लिए आवंटित की गई थी। मगर बाद में इस जमीन काे निजी नाम पर दर्ज कराकर इसका अवैध उपयोग किया जा रहा था।
जिला प्रशासन अतिक्रमण ढहाने की तैयारी शनिवार को ही कर चुका था। रविवार सुबह प्रशासन और ननि की टीम हरिफाटक क्षेत्र स्थित मन्नत गार्डन पहुंची। यहां 0.418 हे. जमीन पर नीलोफर पति रशीद खान, 1.223 अकबर खान द्वारा किया गया पक्का निर्माण और शेड तोड़कर जमीन पर जिला प्रशासन ने कब्जा लिया।
इस जमीन की कीमत लगभग 2 करोड़ रुपए है। 16 हेक्टयर जमीन पर मोहनलाल यादव, गुलाब यादव, शैलेंद्र यादव और बाबू यादव ने भी कब्जा कर रखा था। एसडीएम आरएम त्रिपाठी ने बताया सरकारी जमीन का बाजार मूल्य 67 करोड़ रुपए है, जिस पर लोगों ने कब्जा किया हुआ था।
27 करोड़ कीमत की जमीन को सरकारी रिकॉर्ड में सांठगांठ कर अपने नाम चढ़वाया
मन्नता गार्डन सरकारी जमीन पर बना था। जमीन को सरकारी रिकाॅर्ड में सांठगांठ से फेरबदल कराकर नीलोफर और अकबर अली के नाम पर चढ़वा लिया था। कुल 2.032 पर अवैध कब्जा था, जिसकी कीमत 27 करोड़ से अधिक थी। इसके अलावा कवेलू कारखाना की 16 हेक्टयर जमीन पर मोहन यादव, गुलाब यादव, शैलेंद्र यादव और बाबू यादव ने चार मकान, दो पशु बाड़े और टीन शेड लगाकर कब्जा कर रखा था।
जमीन की कीमत 40 करोड़ से अधिक है। अवैध अतिक्रमण हटाने की अवधि शनिवार को समाप्त होने पर प्रशासन और ननि टीम ने मकान, पशु बाड़े तोड़कर जमीन पर सरकारी कब्जा लिया। तहसीलदार पूर्णिमा सिंघी के अनुसार सरकारी जमीन पर चार दर्जन गुमटियां रखी है। इन्हें भी हटाया जाएगा।
भूमाफियाओं का राज ध्वस्त करने की शुरुआत
रविवार को मन्नत गार्डन को ढहाने के पहले इसी गार्डन के मालिक का अवैध होटल भी जिला प्रशासन ध्वस्त कर चुका हैै। कई बार नोटिस के बाद भी गार्डन और अन्य सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं छोड़ने पर जिला प्रशासन और ननि की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देकर शहर से भू-माफियाओं का राज ध्वस्त करने की शुरुआत कर दी है।
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