छत्तीसगढ़ की पहली मान्यता प्राप्त पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जेसीसीजे) में फूट पड़ती दिखाई दे रही है। खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने कहा, उनका और बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा का भविष्य कांग्रेस में ही है। पूर्व सीएम अजीत जोगी भी यही चाहते थे। इस पर प्रमोद शर्मा ने भी हामी भरी है। वहीं जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा है, पिता की आत्मकथा पढ़ने को दूंगा, गलतफहमी दूर हो जाएगी।
विधायक देवव्रत सिंह ने कहा, उनके खून में कांग्रेस है। ब्लड टेस्ट करा लें, रिपोर्ट कांग्रेस ही आएगी। कांग्रेस में हमारा भविष्य दिखता है, लेकिन दल बदल कानून है। तीन विधायक जरूरी हैं। मैं और प्रमोद शर्मा तैयार हैं, लेकिन तीसरा कौन? दरअसल, यह सारा हंगामा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बयान के बाद शुरू हुआ। मरवाही में उन्होंने कहा था कि जोगी कांग्रेस के तीन विधायक कांग्रेस में आना चाहते हैं।
अजीत जोगी के व्यक्तित्व के मुकाबले अब जोगी कांग्रेस में कोई नहीं
विधायक देवव्रत सिंह ने कहा, मैं यह स्पष्ट मानता हूं कि अजीत जोगी के व्यक्तित्व के मुकाबले कोई भी अब इस दल में फिलहाल नहीं है। मेरी जानकारी में जब अजीत जोगी की स्थित बेहद गंभीर थी, तब उनके कांग्रेस में प्रवेश को लेकर प्रयास किए गए। यह बात दिल्ली से रायपुर आई। विमर्श के बाद सूचना भेजी गई कि अभी जोगी कोमा में है, और ऐसे में कोई निर्णय नहीं हो सकता।
अमित जोगी बोले- कांग्रेस में जाने का सवाल ही नहीं उठता
वहीं जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, जो पार्टी रोज मेरे पिता अजीत जोगी को उनके जीते जी अपमानित करती रही। मरने के बाद भी उनको नकली, फर्जी और पाखंडी कह रही है, उसमें उनके जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसा कुछ लोग उपचुनाव के ठीक पहले क्यों कह रहे हैं, ये तो वही बता पाएंगे। कहा, मैं उनको जोगी जी की आत्मकथा पढ़ने की सलाह जरूर दूंगा। उनकी सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी।
जाति विवाद सहित अन्य मुद्दों को लेकर जारी है पलायन
मरवाही उपचुनाव से ठीक पहले जोगी परिवार के जाति विवाद में भी गंभीर संकट पैदा किया है। पार्टी छोड़कर उसके नेता और कार्यकर्ता लगातार कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं। वह तो यह भी आरोप लगा चुके हैं कि जाति को लेकर इतने सालों तक उन्हें धोखा दिया गया। अब चुनाव में भाजपा का प्रचार करने और उनकी रैली में जाने के लिए कहा गया, लेकिन वहां उनको कोई सम्मान नहीं मिला।
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