Sunday, 25th May 2025

शिक्षा व्यवस्था:अब 35-40 की जगह 25 दिन में हाे सकेगी 10वीं-12वीं की परीक्षा; सिलेबस से लेकर परीक्षा पैटर्न तक बदलने की तैयारी

Tue, Oct 27, 2020 5:18 PM

  • मूल्यांकन अवधि... 10 से 15 दिन के समय की होगी बचत
 

(अनूप दुबाेलिया) शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए सिलेबस से लेकर परीक्षा का पैटर्न बदलने की तैयारी की जा रही है। नए सत्र से 10वीं- 12वीं की परीक्षा की समयावधि काे कम करने के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 8 विषयाें काे अब 4 कर दिया गया है। काॅमर्स और आर्ट्स फैकल्टी के अर्थशास्त्र विषयाें काे भी एक किया गया है। इन पांचाें विषयाें के सिलेबस और पेपर अब एक ही हाेंगे। मंडल ने व्यावसायिक पाठ्यक्रम के पुराने 21 ट्रेड भी बंद कर दिए हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं इससे 10वीं-12वीं कक्षाओं की परीक्षा की अवधि 35-40 दिन की जगह 25 दिन हाे सकेगी। मूल्यांकन अवधि के लिए भी 10 से 15 दिन के समय की बचत होगी। सिलेबस भी बदला गया है। स्कूलाें में अब इनकी पढ़ाई एनसीईआरटी की पुस्तकाें से ही कराई जाएगी। सिलेबस काे लेकर ब्लू प्रिंट बनाया गया है। अभी तक काॅमर्स फैकल्टी में व्यावहारिक अर्थशास्त्र और आर्ट्स फैकल्टी में प्लेन अर्थशास्त्र विषय था।

समझें... कैसे हाेगी परीक्षा की अवधि कम
विशेषज्ञ एवं एक्सीलेंस स्कूल के प्रिंसिपल सुधाकर पाराशर ने बताया कि अभी 10वीं- 12वीं की परीक्षा 1 मार्च से शुरू हाेकर अप्रैल के पहले- दूसरे सप्ताह तक चलती थी। मार्च से मई तक परीक्षा और मूल्यांकन में ही समय लग जाता था। अब यह परीक्षा मार्च में ही निपट सकेगी।

कैसे समय पर शुरू होगा नया सत्र
शैक्षणिक विश्लेषक रमाकांत पांडे कहते हैं कि अभी विषयाें के पेपर अलग-अलग सेट हाेते हैं ताे पेपर सेटर शिक्षक भी ज्यादा हाेते हैं। हर विषय का अलग काेड हाेता है। काेडवार हर स्थान पर पेपर भेजे जाते हैं। विषय कम हाेने से मूल्यांकन जल्दी हाेगा। किसी एक विषय के लिए मूल्यांकन करने वाले अब बढ़ जाएंगे ताे रिजल्ट जल्दी आ सकेगा। अब हिंदी वाले शिक्षक हिंदी की, संस्कृत वाले संस्कृत की काॅपियां जांच सकेंगे। विशिष्ट अंग्रेजी के पेपर की काॅपियां एक्सीलेंस या माॅडल स्कूल के शिक्षक ही जांचते हैं।

विषय कम होने से बढ़ेगी शिक्षकों की संख्या
इस बदलाव से पेपर सेट करने से लेकर परीक्षा के आयाेजन, मूल्यांकन तक की समयावधि कम हाेगी। विषय कम हाेने से विषयवार शिक्षकाें की संख्या बढ़ सकेगी ताे मूल्यांकन भी तेजी से हाे सकेगा।
- उमेश कुमार सिंह, सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंडल

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