Sunday, 25th May 2025

प्रॉपर्टी की खरीद में तेजी:नवरात्रि के 4 दिन में हुईं 16 करोड़ की रजिस्ट्रियां, रोज 300 से अधिक; अक्टूबर में अब तक 45 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री

Sat, Oct 24, 2020 5:12 PM

  • दोगुनी हुई संख्या; कोरोना काल में यह पहला मौका है, जब इतने कम समय में करोड़ों रुपए की रजिस्ट्रियां हुईं
 

त्योहारी सीजन शुरू होते ही राजधानी में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में भी तेजी आना शुरू हो गई है। नवरात्रि के 4 दिनों में 16.31 करोड़ रुपए की रजिस्ट्रियां हुई हैं। खास बात यह है कि दो दिन छुट्‌टी होने के बाद भी करोड़ोंं की रजिस्ट्री हुईं। शहर में दिवाली तक जमकर प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री हाेती है। कोरोना के दौरान यह पहला मौका है जब इतने कम समय में करोड़ों रुपए की रजिस्ट्रियां हुई हैं। इस बार अक्टूबर में अब तक ही करीब 45 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री हो चुकी हैं।

अधिकारियों के मुताबिक नवरात्रि में रजिस्ट्री होने की रफ्तार दोगुना हो गई है। 13 अक्टूबर तक रोजाना 180 से 250 रजिस्ट्रियां हो रही थीं, लेकिन नवराित्र में अब तक रोजाना 300 से अधिक रजिस्ट्रियां हुईं। 19 अक्टूबर को तो सर्वाधिक 402 रजिस्ट्रियां हुईं। जानकारी के मुताबिक पिछले साल अष्टमी पर 318 रजिस्ट्री हुई थीं। इस बार भी लगभग पिछले साल जैसा ही ट्रेंड चल रहा है। शहर में शुक्रवार को करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की रजिस्ट्री हो चुकी थीं।

टैक्स में दो फीसदी छूट का भी असर
जानकारों का कहना है कि दिवाली तक रजिस्ट्री होने का यही ट्रेंड रहेगा, क्योंकि इस दौरान विभिन्न शुभ मुहुर्त पड़ते हैं। लोग इन अवसरों पर प्रॉपर्टी लेना पसंद करते हैं और अपने नाम करवाते हैं। इस वजह से नवंबर के पहले पखवाड़े में भी अधिक रजिस्ट्रियां होंगी। पिछले महीने करीब 42 करोड़ रुपए की रजिस्ट्री हुई थी। इधर, टैक्स में दो प्रतिशत छूट मिलने से भी रजिस्ट्री बढ़ी हैं।

एक घंटे का समय बढ़ाया
त्योहारों में रजिस्ट्री की संख्या को देखते हुए एक घंटे का समय बढ़ाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि शाम 4:30 बजे तक होनी वाली रजिस्ट्री अब शाम 5.30 बजे तक होगी। अब प्रति सब रजिस्ट्रार 33 की जगह 39 स्लाट आवंटित किए गए हैं।

नवरात्रि में पिछले दिनों के मुकाबले अधिक रजिस्ट्रियां हो रही हैं। लोग इन दिनों अधिक प्रॉपर्टी लेते हैं। दिवाली तक और संख्या बढ़ने का अनुमान है। -प्रभाकर चतुर्वेदी, डीआर

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery