6 बार के विधायक और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे आखिरकार शुक्रवार को भाजपा का दामन छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए। खडसे पिछली फडणवीस सरकार में मंत्री थे। तब उन पर दाऊद इब्राहिम के साथ फोन पर चार बार बात करने के आरोप लगे थे। इसके बाद से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।
इसी बीच, खडसे पर पुणे में एक जमीन खरीदने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। इस इस्तीफे के बाद से वे भाजपा में हाशिए पर चल रहे थे। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट भी नहीं दिया था।
2016 में एथिकल हैकर भानगले ने दाऊद की पत्नी महजबीन शेख के नाम पर दर्ज चार फोन नंबर की कॉल डिटेल का रिकाॅर्ड सार्वजनिक किया था। इस रिकॉर्ड में यह खुलासा हुआ था कि एकनाथ खडसे के मोबाइल पर चार बार दाऊद के घर से फोन आया था। खड़से ने उस दौरान, फोन नंबर उनके नाम से दर्ज होने की बात को कबूल किया था, लेकिन उन्होंने दाऊद संग किसी भी बातचीत से इंकार कर दिया था।
7 विभागों के मंत्री थे खडसे
आम आदमी पार्टी ने एकनाथ खडसे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। खडसे के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन और बयानबाजी हुईं और पार्टी के दबाव के बाद उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फडणवीस सरकार में खडसे राजस्व, कृषि, राज्य उत्पादन शुल्क, पशु संवर्द्धन, दुग्धविकास एवं मत्स्यपालन तथा अल्पसंख्यक विकास एवं वक्फ जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे।
हैकर ने पाकिस्तान से धमकियां मिलने का खुलासा किया था
जिस हैकर ने इस मामले का खुलासा किया था, उसने बाद में आरोप लगाया कि उसे और उसके पार्टनर जयेश शाह को पाकिस्तान से धमकी भरे कॉल आए हैं। हालांकि, खडसे ने आगे आकर इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच से करवाने की गुहार लगाई थी। मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में जांच की। खडसे के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिलने पर केस को क्लोज कर दिया गया था।
इन आरोपों के बाद खडसे को देना पड़ा था इस्तीफा
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