महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को किसानों समेत राज्य के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राहत राशि की घोषणा की। ठाकरे ने इस मुद्दे पर यहां सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि दीपावली तक यह सहायता मुहैया करा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार को केन्द्र से अब भी कुल 38 हजार करोड़ रुपए मिलने बाकी हैं। उन्होंने कहा, ''मुझे पैकेज शब्द पसंद नहीं है, हम 10 हजार करोड़ रुपए की सहायता मुहैया कराएंगे... इसका इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिये किया जाएगा।''
किसानों की आंखों में नहीं होना चाहिए आंसू
पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों किसानों के आखों में आंसू नहीं होने चाहिए। इसलिए सरकार दीपावली के पहले तक मदद राशि उपलब्ध करा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित किसानों के नुकसान हुए फसलों के लिए (जिरायत और बागायत क्षेत्र) प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपए मदद की जाएगी। किसानों को यह मदद दो हेक्टेयर क्षेत्र के लिए दी जाएगी। फलबाग के नुकसान के लिए प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह मदद भी 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए सीमित होगी। इसके अलावा आपदा में मृत व्यक्तियों के परिजनों और मृत पशुधन, घर के ढहने के लिए मदद का प्रावधान पैकेज में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार आपदा प्रभावित किसानों को 6 हजार 800 रुपए की मदद का प्रावधान है लेकिन यह राशि कम होने के कारण राज्य सरकार ने मदद राशि बढ़ाकर प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपए देने का फैसला किया है। वहीं फलबाग के लिए दिए जाने वाले प्रति हेक्टेयर 18 हजार रुपए की राशि को बढ़ाकर 25 हजार रुपए की गई है। यह अब तक की सबसे बड़ी मदद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ईमानदारी से स्वीकार करता हूं कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद हुई अतिवृष्टि में मैंने किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपए की मदद देने की मांग की थी। लेकिन उस समय केंद्र सरकार के पास राज्य का जीएसटी का बकाया नहीं था और कोरोना संकट की स्थिति नहीं थी।
केंद्र से 38 हजार करोड़ रुपए नहीं मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार से अभी तक अपने अधिकार का 38 हजार करोड़ रुपए नहीं मिल पाया है। राज्य सरकार ने केंद्र से निसर्ग चक्रवात की मदद के लिए 1065.58 करोड़ रुपए मांगा था। अगस्त में पूर्व विदर्भ में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए 800.88 करोड़ रुपए मांगे थे। इसके अलावा जीएसटी का बकाया पैसा मांगा है। केंद्र सरकार को मदद और बकाया राशि के लिए बार-बार पत्र भेजा जा रहा है लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं केंद्र सरकार पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं जनता के सामने तथ्य रख रहा हूं। केंद्र को भेदभाव किए बिना हर प्रदेश को मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन करके मदद का आश्वासन दिया था। यदि जरूरत पड़ी तो मदद राशि के लिए मैं प्रधानमंत्री से मुलाकात करूंगा।
अब तक 30 हजार करोड़ रुपए की मदद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद विभिन्न आपदा और किसानों की कर्ज माफी को मिलाकर अभी तक लगभग 30 हजार 800 करोड़ रुपए की मदद की गई है।
फडणवीस कोंचिंग ठीक से करें
विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की ओर से केंद्र सरकार से मदद मिलने के दावे पर मुख्यमंत्री ने निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे नहीं मालूम है कि फडणवीस की कौन से कक्षा के लिए कोंचिंग लगाई गई है। लेकिन उनकी पढ़ाई शुरू हुई होगी, तो उन्हें अच्छे से कोंचिंग करना चाहिए। जिससे उनका अध्ययन ठीक से होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पर आरोप कर जनता का पेट नहीं भरा जा सकता है। वहीं फडणवीस ने कहा कि उद्धव ने मुख्यमंत्री बनने से पहले किसानों को प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपए की मदद की मांग थी लेकिन अब मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने यू टर्न ले लिया है।
मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल!
भाजपा के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे के राकांपा में शामिल होने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगा जा रहे हैं। राज्य मंत्रिमंडल के फेरबदल के सवाल पर मुख्यमंत्री ने गेंद राकांपा और कांग्रेस के पाले में डाल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राकांपा और कांग्रेस में कुछ तो चल रहा है। इस बारे में मुझे नहीं मालूम है। खडसे के राकांपा प्रवेश और बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से नागरिकों के लिए कोरोना वेक्सिन की घोषणा के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं राजनीतिक मुद्दों पर शिवसेना की दशहरा रैली में बोलूंगा।
किसको मिली | कितनी मदद(करोड़ रु) |
कृषि, खेती और घर | 5500 |
ग्रामीण सड़क व जलापूर्ति | 1000 |
सड़क, पुल | 2635 |
नगर विकास | 300 |
जलसंसाधन | 102 |
महा वितरण ऊर्जा(बिजली) | 239 |
कुल | 9776 |
इन जिलों में वितरित की जाएगी सबसे पहले राहत पैकेज
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास 'वर्षा' में हुई इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी हिस्सा लिया। महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह आई बारिश और बाढ़ के चलते पुणे, औरंगाबाद और कोंकण डिवीजन में कई लोगों की मौत हो गई। इस दौरान लाखों हेक्टेयर फसल भी बर्बाद हो गई। उस्मानाबाद, लातूर, सोलापुर, नांदेड़ और सोलापुर के पंढरपुर इलाके में बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान हुआ। वहां बड़े पैमाने पर सोयाबीन, कपास और गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। सीएम की राहत पैकेज का इन जिलों में सबसे पहले वितरण होगा।
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