कोरोना लॉकडाउन की ज्यादातर बंदिशें समाप्त होने के बाद अब बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। नवदुर्गा, दशहरा और दीपावली की खरीददारी शुरू हो गई है, लेकिन इसके साथ ही पार्किंग से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ने लगी हैं। न्यू मार्केट और दस नंबर के साथ पुराने शहर के कई बाजारों में पार्किंग के लिए जगह मिलना मुश्किल होता जा रहा है। तीन महीने से पार्किंग व्यवस्था नगर निगम कर्मचारियों के हवाले होने का नतीजा यह हुआ है कि पार्किंग स्थलों पर अवैध वसूली की शिकायतें भी आना शुरू हो गई हैं।
पार्किंग स्थलों पर जो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, वे बंद हैं। तीन महीने पहले माइंडटेक कंपनी द्वारा काम छोड़ने के बाद से यही स्थिति है। पार्किंग में आपकी गाड़ी कितनी देर खड़ी रही, यह भी कर्मचारी अपनी मर्जी से तय कर रहा है, क्योंकि गाड़ी भीतर आने पर इन टाइम की पर्ची नहीं मिल रही है। पार्किंग की फीस टाइम के हिसाब से य होती है, इसलिए यह टाइम महत्वपूर्ण है। ऑन रोड पार्किंग के साथ मल्टीलेवल पार्किंग पर भी अब बूम बैरियर और कैमरे बंद है। इस सबका नतीजा है कि मार्केट में नो पार्किंग जोन और फुटपाथ पर वाहन नजर आ रहे हैं।
शहर में पार्किंग
पार्किंग स्थल- 80 स्मार्ट पार्किंग बनना थी- 52 स्मार्ट पार्किंग बनीं- 34 निगम को मिलना थे- 25 लाख हर महीना कंपनी पर बकाया- 3 करोड़ अब आय का अनुमान- 50 लाख रुपए महीना शहर में अब 18 पार्किंग नई शुरू होंगी
न्यू मार्केट...मशीन में कागज ही खत्म
न्यू मार्केट में स्टेट बैंक के सामने वाली पार्किंग में कर्मचारी लाल रंग की पर्ची देता है। जब उससे पूछा कि पीओएस मशीन कहां हैं तो बोला- उसमें कागज नहीं है, इसलिए प्रिंट नहीं निकल रहा। अरेरा कॉलोनी निवासी आरके शुक्ला ने बताया कि दस नंबर मार्केट में उन्होंने आधा घंटे गाड़ी पार्क की लेकिन पार्किंग व्बॉय पीछे पड़ गया कि 3 घंटे से ज्यादा हो गए। आखिर 20 रुपए दिए तब उसने जाने दिया। पर्ची भी नहीं दी। एमपी नगर व न्यू मार्केट मल्टीलेवल पार्किंग के हालात भी यही हैं।
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