Saturday, 24th May 2025

बलिया में अफसरों के सामने मर्डर का मामला:मुख्य अभियुक्त धीरेन्द्र प्रताप सिंह 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया; विधायक सुरेंद्र सिंह को बयानबाजी न करने की हिदायत

Mon, Oct 19, 2020 5:14 PM

  • मुख्य आरोपी धीरेंद्र को एसटीएफ ने रविवार को लखनऊ से किया था गिरफ्तार
  • वह गुरुवार को घटना के बाद से चल रहा था फरार, पुलिस ने 50 हजार का रखा था इनाम
 

उत्तर प्रदेश के बलिया में हत्या के मामले में पकड़े गए मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को पुलिस ने सोमवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। रविवार को उसे लखनऊ में पॉलीटेक्निक चौराहे के पास से एसटीएफ ने पकड़ा था। उसके साथ दो नामजद आरोपी भी पकड़े गए थे। धीरेंद्र, बलिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी है। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। अब तक धीरेंद्र के दो भाई देवेंद्र और नरेंद्र के साथ 10 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह।
मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस रविवार की शाम बलिया में सदर कोतवाली लेकर पहुंची थी। इसके बाद उसे रातभर हवालात में रखा गया। आज कोर्ट में पेशी के मद्देनजर 11 इंस्पेक्टर, 60 दीवान, 200 सिपाही व 40 महिला सिपाही को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया। इस दौरान कोतवाली से लेकर कोर्ट तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे।

भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के रवैये पर शीर्ष नेतृत्व नाराज

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बलिया की घटना को लेकर विधायक सुरेंद्र सिंह के बयानों पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से बात की। उन्होंने पार्टी के यूपी प्रमुख से कहा कि वह विधायक सुरेंद्र सिंह को यह बताएं कि वे जांच से दूर रहें। रविवार को विधायक सुरेंद्र सिंह ने स्वतंत्र देव से मुलाकात कर अपनी सफाई पेश की थी। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें अनर्गल बयानबाजी नहीं करने की सख्त हिदायत दी है। पार्टी व अपनी छवि न बिगड़ने देने के लिए चेताया गया। इस दौरान सुरेंद्र सिंह ने अपना स्पष्टीकरण दिया, लेकिन नेतृत्व उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है। दरअसल, स्वतंत्र देव सिंह ने बलिया कांड के बाद बयानबाजी करने के लिए विधायक स्वतंत्र देव सिंह को नोटिस जारी किया था।

यह है पूरा मामला

दुर्जनपुर में 15 अक्टूबर को पंचायत भवन पर कोटे की दुकान को लेकर बैठक चल रही थी। एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह, बीडीओ गजेंद्र प्रताप सिंह और रेवती थाने का पुलिसबल भी मौजूद थी। आरोप है कि इसी दौरान विवाद होने पर धीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश पाल की हत्या कर दी। इसके बाद वह भाग निकला। मामले में एसडीएम और सीओ को निलंबित भी कर दिया गया था। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की भी बात कही है।

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