सामान्य वर्गों के संयुक्त मंच ने सरकार पर सामान्य वर्ग के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि एससी-एसटी के महज 25 फीसदी वर्ग के तुष्टीकरण के लिए 75 फीसदी सामान्य वर्ग को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है। इस पर तुरंत रोक लगाई जाए। संगठन ने जाति के बजाय आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करने की वकालत भी की है।
संयुक्त मोर्चा ने दोटूक कहा है कि यदि सामान्य वर्ग की अनदेखी बंद नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतर पड़ेंगे। जाति आधार पर आरक्षण का राग अलापने वाले राजनीतिक दलों व नेताओं को समर्थन भी नहीं दिया जाएगा। सामान्य वर्ग संयुक्त मंच की समन्वयक कमेटी की राज्य स्तरीय बैठक रविवार को बिलासपुर में जिला परिषद के सभागार में आयोजित की गई।
अमर सिंह गुलेरिया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सामान्य वर्ग के ब्राह्मण सभा, महाजन सभा, खत्री सभा, राजपूत व क्षत्रिय सभा, नामधारी संगत व आहलुवालिया सभा जैसे संगठनों के नुमाइंदों ने भाग लिया। बैठक में कहा गया कि सरकार महज 25 फीसदी एससी-एसटी वर्ग को खुश करने के लिए 75 फीसदी सामान्य वर्ग पर अत्याचार कर रही है।
हाल ही में प्रदेश सरकार ने सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों को दिए गए 7 फीसदी कोटे को आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के 10 फीसदी कोटे में समाहित कर दिया है, जबकि एससी-एसटी वर्ग के लिए इसे अलग ही रखा गया है। इतना ही नहीं, बाहरी राज्यों के एससी-एसटी व जनरल कैटेगरी के लोगों को सामान्य वर्ग के कोटे में नौकरियां दीे जा रही हैं।
बैठक में कहा गया कि प्रदेश सरकार एससी-एसटी एक्ट के अंतर्गत दर्ज मुकदमों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। इसकी वजह से झूठे व मनगढ़ंत मामलों की बाढ़ सी आ गई है। आरटीआई से हासिल जानकारी के अनुसार पिछले 2 वर्षों में सरकार ने इस पर लगभग 6.25 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह फिजूलखर्ची है।
इसी तरह एससी कैटेगरी में अंतरजातीय विवाह करने पर ढाई लाख रुपये देने की प्रथा भी तुरंत बंद की जानी चाहिए। जाति आधार पर आरक्षण की वजह से सामान्य वर्ग के मेरिट होल्डर भी नौकरी व प्रमोशन आदि में पीछे रह जाते हैं। लिहाजा आरक्षण की व्यवस्था आर्थिक आधार पर होनी चाहिए। यदि सरकार ने समय रहते उक्त विसंगतियां दूर नहीं की तो सामान्य वर्ग के लोग संयुक्त मंच के बैनर तले सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
बैठक के दूसरे सत्र में संयुक्त मंच की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन भी किया गया। इसकी कमान केएस जमवाल को सौंपी गई। भूपेंद्र ठाकुर, जितेंद्र वशिष्ठ व एमएल गुप्ता वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रेमलाल बीना व श्रीराम ठाकुर उपाध्यक्ष, जगरूप सिंह राणा महासचिव, संदीप सूद कोषाध्यक्ष, सुदेश राणा महिला मोर्चा अध्यक्ष तथा रुमित सिंह ठाकुर युवा मोर्चा के अध्यक्ष नियुक्त किए गए।
बैठक में गुणप्रकाश शर्मा, जितेंद्र वशिष्ठ, विशाल ठाकुर, सुरेश ठाकुर, योगेश ठाकुर, कर्नल रमेश वालिया, बालचंद वालिया, हरमीक सिंह, राजेंद्र सिंह राणा, किरण गुलेरिया, यश पठानिया, मनोहर लाल गुप्ता, गोपाल कपूर व संदीप सूद आदि ने भाग लिया।
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