राजधानी में प्रति 1000 मरीज में 13 मरीजों की मौत हो रही है। यह आंकड़े चौंकाने वाले जरूर हैं लेकिन हकीकत है। रायपुर में मृत्यु दर 1.32 फीसदी है, जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है। यही नहीं प्रदेश की मृत्यु दर 0.9 फीसदी से 0.42 फीसदी ज्यादा है। जिन 5 जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई है, उनमें दुर्ग में 1.17, रायगढ़ में 0.91 बिलासपुर में 0.91 व राजनांदगांव में मृत्यु दर 0.52 फीसदी है। प्रदेश में राजधानी में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं इसलिए यहां सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीन आते तक मास्क ही वैक्सीन है। राजधानी में अगस्त, सितंबर व अक्टूबर में मौत की संख्या बढ़ी है, क्योंकि अब गंभीर मरीज ज्यादा आ रहे हैं। अगस्त में जहां प्रदेश में 222 मरीजों की जान गई। वहीं रायपुर में 73 लोगों ने दम तोड़ा। सितंबर में प्रदेश में 680 व रायपुर में 334 मरीजों की मौत हुई। जबकि अक्टूबर में अभी तक रायपुर में 71 व छत्तीसगढ़ में 317 मरीजों की जान गई है। मरीजों की मौत पर लगाम लगाया जा सके इसलिए लोगों को लक्षण दिखते ही टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है। ताकि वह समय पर अस्पताल पहुंचे। गौर करने वाली बात है कि अगस्त व सितंबर में राजधानी में मृत्यु दर 1.1 फीसदी के आसपास थी, जो अक्टूबर में बढ़ गई है। डॉक्टरों के अनुसार अस्पतालों में गंभीर मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं। इसलिए उनकी मौत भी हो रही है। ज्यादा मरीजों की मौत ना हो, इसके लिए खुद व दूसरों को जागरूक करना होगा ताकि लोग समय पर जांच कराएं और इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे।
ज्यादा मौतों की वजह
आईसीसीयू नहीं मिलना बड़ी वजह
गंभीर मरीजों की मौत आइसोलेशन वार्ड में अभी भी हो रही है, जो व्यवस्था पर सवालिया निशान है। ऑक्सीजन व आईसीयू बेड की कमी अभी भी बनी हुई है, जिससे बढ़ाने की योजना है। इसी बीच रायपुर में पिछले 3 दिनों से 300 से कम मरीज मिल रहे हैं। इस कारण थोड़ी राहत भी है।
स्वस्थ लोग भी रहें सावधान
"उन्हीं मरीजों की मौत ज्यादा हो रही है, जो टेस्ट से लेकर इलाज में लापरवाही बरत रहे हैं। अब विशुद्ध कोरोना व कोरोना के साथ दूसरी बीमारियों वाले मरीजों की मौत के आंकड़ों में ज्यादा अंतर नहीं हैं। ऐसे में यह कहना कि केवल दूसरी बीमारी वाले ही कोरोना वायरस से मरेंगे, गलत है। स्वस्थ लोगों को भी सावधानी की जरूरत है।"
-डॉ. विष्णु दत्त, डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज
Comment Now