सांवेर उपचुनाव:कांग्रेस के ही दो पूर्व विधायकों के बीच टक्कर, जनता के मुद्दे गायब, चुनावी जंग में कौआ और पंछी जैसे शब्दों के तीर; जानिए 14 बार हुए चुनाव में कब-कौन जीता
Wed, Oct 14, 2020 5:06 PM
- 1962 में पहली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार ने जनसंघ के शीतलदास को पराजित किया था
- भाजपा के प्रकाश सोनकर 4 बार यहां से विधायक रहे, सिलावट ने तीन बार जीत हासिल की, विश्नार दो बार विधायक बने
सांवेर विधानसभा क्षेत्र -211 में भाजपा के तुलसी सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं। राेचक बात यह है कि दोनों ही नेता सांवेर से ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने। इस सबके बीच, कांग्रेस और भाजपा दाेनाें ही दल जनता के मुद्दाें काे भूलकर जुबानी लड़ाई में व्यस्त हैं। कांग्रेस के गद्दार और बिकाऊ के आरोप पर भाजपा किसान की कर्जमाफी ना होना, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता ना देने का आरोप लगाकर पलटवार कर रही है। चुनावी जंग अब कौआ और पंछी शब्द पर जा पहुंची है। भाजपा प्रत्याशी तुलसी सिलावट ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को ‘पंछी’ कहा तो गुड्डू ने पलटवार करते हुए सिलावट को ‘कौआ’ कह डाला। यहां, फसल बर्बादी, सड़कों की बदहाली, कर्जमाफी जैसे जमीनी मुद्दे कौआ और पंछी के शोर में दब गए हैं।
कांग्रेस के आरोप
- सांवेर-उज्जैन रोड स्थित एक होटल में 2 हजार लोगों को एकत्र करने, साड़ी, रुपए बांटने की चुनाव आयोग में शिकायत की। सिलावट पर कार्रवाई की मांग भी की।
- सांवेर रोड पर कार में रुपए मिले। कांग्रेस प्रत्याशी गुड्डू ने सिलावट पर आरोप लगाते हुए डीआईजी से शिकायत की।
- इंडेक्स कॉलेज में छह हजार वोटरों के नाम बढ़ाने पर गुड्डू मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर यह हो रहा है।
- कांग्रेस ने सीएम की सभा के लिए 600 बसों का अधिग्रहण, बस संचालकों को रुपए देने और खाद्य विभाग द्वारा सभी बसों में डीजल की व्यवस्था करने की चुनाव आयोग को शिकायत की।
भाजपा के आरोप
- सोशल मीडिया पर मंत्री तुलसी सिलावट के खिलाफ टिप्पणी पर भाजपा ने चुनाव आयोग और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। मामला जांच में है।
- बिना अनुमति बड़ी मात्रा में पोस्टर कारों में रखकर चुनाव क्षेत्र में ले जाने पर पुलिस ने पकड़ा। भाजपा ने चुनाव आयोग को शिकायत की।
- भाजपा युवा मोर्चा की कानूनी समिति ने सांवेर के ग्राम रिंगनोदिया के कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ सोशल मीडिया पर सीएम के खिलाफ भद्दी भाषा में टिप्पणी के खिलाफ निर्वाचन आयोग और पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
- कांग्रेस प्रत्याशी और साथियों द्वारा मेडिकल कॉलेज में घुसकर छापा मारने के मामले में महिलाओं से हुई कथित बदसलूकी की शिकायत भी पुलिस और आयोग को भेजी गई।
भाजपा का जातिगत समीकरण गड़बड़ाया
सांवेर विधानसभा क्षेत्र उपचुनाव में भाजपा के लिए वोटों का जातिगत समीकरण गड़बड़ाने लगा है। कुछ समाज भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं। यही नहीं पार्टी को अब भी ग्रामीण क्षेत्र में उस माहौल का इंतजार है, जिसमें जीत की पक्की गारंटी दिखे। इसके लिए पार्टी जल्द यहां शिवराज-सिंधिया का बड़ा रोड शो करवाने की तैयारी में है। यह रोड शो कम से कम 10 किमी का होगा। वहीं, ठाकुर वोटों के लिए भाजपा केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथसिंह की सभा करवाने की कोशिश में है। हालांकि पार्टी ने मंत्री उषा ठाकुर को सांवेर का जिम्मा सौंप रखा है और लगातार नाराज वर्ग से बात कर रही है, लेकिन भाजपा सांवेर के मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। यही वजह है कि खुद शिवराज दो बार आ चुके हैं और अभी कम से कम दो से तीन बार और आएंगे।
ये है जातिगत वोटों का गणित
इस सीट पर करीब 40 हजार मतदाता दलित हैं, जबकि करीब 35 हजार मतदाता खाती समाज के और 30 हजार मतदाता कलोता राजपूत समाज के माने जाते हैं, जबकि राजपूत और धाकड़ समाज के 15-15 हजार वोट सांवेर विधानसभा सीट में हैं।
सांवेर में अब तक एक उपचुनाव सहित 14 बार विस चुनाव हुए
सांवेर में 1970 के एक उपचुनाव समेत अब तक 14 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 1962 में हुए पहले चुनाव से 2018 में हुए विस चुनाव में अब तक 98 उम्मीदवारों ने यहां से अपनी किस्मत आजमाई है। यहां से अब तक सबसे ज्यादा 7 बार कांग्रेस, 5 बार भाजपा, एक बार जनसंघ और एक बार जनता पार्टी का उम्मीदवार जीता है। सिलावट सांवेर से तीन बार तो गुड्डू ने 1998 में यहीं से विधायकी का चुनाव जीता था।
भाजपा के प्रकाश सोनकर 4 बार सांवेर से विधायक रहे।
अब तक इन्होंने मारी बाजी, ये रहे दूसरे नंबर पर
- 1962 में पहली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार ने 10 हजार 825 मत प्राप्त कर जीत हासिल की। उन्होंने दूसरे नंबर पर रहे जनसंघ के शीतलदास गरीबदास को पराजित किया था। शीतलदास को 3 हजार 924 मत मिले थे। इस चुनाव में 4 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी।
- 1967 में हुए चुनाव में जनसंघ के बाबूलाल कालूजी ने 13 हजार 344 वोट हासिल कर विजय श्री पाई थी। कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार को तब 12 हजार 810 मत मिले थे। इस बार 3 प्रत्याशी मैदान में थे।
- 1970 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सज्जनसिंह विश्नार ने एक बार फिर से जीत हासिल की। उन्हें 17 हजार 299 मत मिले, जबकि जनसंघ के बाबू गोविंद 17 हजार 272 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में 4 प्रत्याशियों ने भाग आजमाइश की।
- 1972 के चुनाव में कांग्रेस के राधाकिशन मालवीय ने 15 हजार 667 मत प्राप्त कर विजय पाई। दूसरे नंबर पर रहे भाजसं के हरिराम रघुनाथ को 13 हजार 411 मत मिले। इस चुनाव में 3 लोग मैदान में थे।
- 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के अर्जुनसिंह धारू 17 हजार 639 वोट पाकर जीते। इंका के राधाकिशन मालवीय को 15 हजार 322 वोट मिले थे। इस बार भी 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 1980 के चुनाव में भाजपा के प्रकाश सोनकर 22 हजार 863 वोट के साथ जीते। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के राधाकिशन मालवीय को 19 हजार 919 मत मिले। इस बार 4 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 1985 में कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट को 30 हजार 516 वोट मिले। जबकि भाजपा के प्रकाश सोनकर 26 हजार 972 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस बार मैदान में 8 प्रत्याशी थे।
- 1990 में भाजपा के प्रकाश सोनकर ने सिलावट को पराजित किया। सोनकर को 39 हजार 591 मत मिले, जबकि सिलावट को 31 हजार 685 लोगों ने वोट किया। इस बार 9 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया।
- 1993 में भाजपा के प्रकाश सोनकर एक बार फिर जीते। उन्हें 42 हजार 342 मत मिले। जबकि कांग्रेस के तुलसी सिलावट को 42 हजार 208 मत प्राप्त हुए। इस बार 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 1998 में कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू ने भाजपा के प्रकाश सोनकर को पराजित किया। गुड्डू को 47 हजार 865 वोट मिले। जबकि सोनकर को 44 हजार 421 मत प्राप्त हुए। इस बार 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2003 में भाजपा के प्रकाश सोनकर ने कांग्रेस के राजेंद्र मालवीय को पराजित किया। सोनकर को 65 हजार 401 मत प्राप्त हुए, जबकि राजेन्द्र मालवीय 45 हजार 764 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। इस बार भी 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2008 के चुनाव में कांग्रेस के तुलसी सिलावट ने भाजपा की निशा सोनकर को पराजित किया। सिलावट को 58 हजार 812 मत, जबकि सोनकर को 55 हजार 395 मत प्राप्त हुए। इस बार 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2013 में भाजपा के राजेश सोनकर को 87 हजार 292 मत मिले। जबकि कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट 69 हजार 709 मत प्राप्त हुए। इस बार 7 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
- 2018 के चुनाव में कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट 96 हजार 535 मत प्राप्त कर विजयी हुए। भाजपा के राजेश सोनकर को 93 हजार 590 मत प्राप्त हुए थे। इस बार 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
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