करौली जिले के सपोटरा इलाके में जमीन विवाद में जिंदा जलाए गए पुजारी बाबूलाल वैष्णव की मौत के बाद दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा रविवार दोपहर करौली पहुंचे। उन्होंने पुजारी बाबूलाल के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता सौंपी। घटना के बाद कपिल मिश्रा ने दो दिन पहले सोशल मीडिया के जरिए एक अपील कर मृतक पुजारी के परिवार को आर्थिक मदद करने की अपील की थी। इसके बाद कई सामाजिक संस्थाओं ने आर्थिक मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए।
बताया जा रहा है कि देश-विदेश से करीब 25 लाख रूपया इकट्ठा हुआ। जिसे सौंपने के लिए भाजपा नेता कपिल मिश्रा सड़क मार्ग से दिल्ली से करौली के लिए रवाना हुए। वे दोपहर तक सपोटरा तहसील के बुकना गांव में पुजारी बाबूलाल वैष्णव के घर पहुंचेंगे। इसके अलावा भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी भी रविवार को बुकना गांव पहुंचकर पुजारी के परिवार से मुलाकात करेंगे। इस बीच कपिल मिश्रा ने सफर के बीच ही एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। जिसमें बताया कि वे बाबूलाल वैष्णव के घर जाने के लिए दिल्ली से निकल चुके है।
वीडियो में कपिल मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था समाज का आखिरी व्यक्ति सबसे कमजोर असहाय उसे देखिए। तो ऐसे ही व्यक्तियों में पुजारी का भी परिवार है, जिसे कोई दबंग आकर अत्याचार करता है। उसे कुचलने का प्रयास करता है। मिश्रा ने कहा कि आज मुझे संतुष्टि है कि नानाजी देशमुख के जन्मतिथि पर हम उस अंतिम व्यक्ति से मिल पा रहे है। उसे सहयोग कर पा रहे है।
इधर, सियासत तेज, दिनभर धरने पर बैठे रहे किरोड़ी
पुजारी पर हमले के बाद जयपुर से दिल्ली तक सियासत भी गरमा गई। शुक्रवार देर रात शव को गांव ले जाया गया तो जांच अधिकारी पर कार्रवाई और मुआवजे जैसी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया था। भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी परिजनों के साथ धरने पर बैठ गए थे। विपक्ष चौतरफा हमलावर हो गया था। तब राज्य सरकार के 10 लाख रु. का मुआवजा और एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने के आश्वासन के बाद परिवार राजी हो गया। हमले को आत्मदाह बताने वाले सीआई को लाइन हाजिर कर दिया गया है, जबकि पटवारी का तबादला किया गया है। इसके बाद परिजनों ने पुजारी बाबूलाल वैष्णव के शव का अंतिम संस्कार किया। घटना के 72 घंटे बाद भी अब तक 8 में से एक ही आरोपी को गिरफ्तार किया जा सका है।
पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था, पटवारी ने अफसरों को नहीं बताया
जिस जमीन को लेकर पुजारी पर हमला हुआ वह राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की शिकायत पुजारी ने पंच-पटेलों से शिकायत की थी। इसके बाद गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमे पंचों ने पुजारी का समर्थन किया, लेकिन पटवारी बनवारीलाल ने राजस्व अधिकारियों को सूचना नहीं दी। उपखंड प्रशासन को भी गुमराह किया। वहीं, दूसरी तरफ मामले में करौली एसपी मृदुल कच्छावा ने हिंडौन सिटी के डीएसपी किशोरी लाल को मामले की जांच सौंपी है। किशोरी लाल ने रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर मामले से जुड़े कई बिंदुओं की जांच की।
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