Saturday, 24th May 2025

कोरोना इलाज में राहत:गंभीर कोरोना मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिवीर इंजेक्शन अब 3200 में उपलब्ध, पहले 3600 थी कीमत, स्टॉक भी पर्याप्त

Sat, Oct 10, 2020 2:36 PM

  • खुले बाजार में रेट घटा, एक मरीज के लिए 6 डोज जरूरी
  • अंबेडकर अस्पताल में भी रेमडेसिवीर की सरकारी सप्लाई शुरू
 

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिवीर इंजेक्शन का रेट कम हो गया है। थोक दवा विक्रेताओं ने दावा किया कि दो-तीन दिन से यह इंजेक्शन मरीजों को 3200 रुपए में दिया जा रहा था, जबकि उसके पहले तक यह 3600 में बिक रहा था और उपलब्ध भी नहीं था। इधर, रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन का एक डोज 2400 रुपए में बेचना शुरू कर दिया है। दवा व्यापारियों के अनुसार अब इस इंजेक्शन का राजधानी में स्टॉक है, लेकिन डिमांड कम हो रही है। हालांकि मारामारी अब भी है।

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाने की अनुमति भारत सरकार ने पहले ही दे दी थी। शुरुआत में इंजेक्शन के लिए काफी मारामारी थी। अभी भी यह मुश्किल से मिलता है, लेकिन कारोबारियों का दावा है कि रायपुर में इसकी मांग कुछ कम हुई है। पहले रोजाना औसतन 20 मरीजों के लिए यह इंजेक्शन सप्लाई हो रहा था, लेकिन अब डिमांड घटकर रोजाना 10 से 12 मरीजों की ही अा रही है। यही नहीं, इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी ने भी इसे एमआरपी से कम दाम में बेचने के निर्देश दिए हैं, इसलिए छूट दी गई है। बाजार ही नहीं, अब रेडक्रॉस मेडिकल स्टोर में भी रेमडेसिवीर के डोज पहुंच गए हैं। शुक्रवार को वहां इंजेक्शन के 120 डोज थे, जो 20 मरीजों के लिए पर्याप्त हैं क्योंकि एक मरीज को 6 डोज देने पड़ते हैं। यहां से भी रोजाना 5-6 मरीजों के लिए यह इंजेक्शन बेचा जा रहा है।

अंबेडकर में सप्लाई शुरू
अंबेडकर अस्पताल में इस इंजेक्शन की सप्लाई होने लगी है, इसलिए कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित मरीज को इसे लगाया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार रेमडेसिवीर एंटी वायरल दवा है और इसे इबोला के लिए बनाया गया था। कोरोना के गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन पर हो या माइल्ड वेंटीलेटर पर हो, उसे दिया जा सकता है।

पर्ची और आधार कार्ड जरूरी
कोरोना के लिए कारगर होने के कारण यह दवा बिना मरीज की पर्ची व आधार कार्ड के बिना नहीं दी जा रही है। मेडिकल कांप्लेक्स स्थित होलसेल मार्केेट के अध्यक्ष रावत के अनुसार दवा के शार्टेज व दुरुपयोग रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है। कई लोग डॉक्टर की पर्ची के बिना इसे मांग रहे हैं, जिसे नहीं दिया जा सकता।

"गंभीर मरीजों के लिए यह इंजेक्शन कारगर तो है, लेकिन इससे मरीजों की स्थिति के हिसाब से दिया जा रहा है। हर मरीज को यह इंजेक्शन नहीं लगाया जाता। दवा बाजार में इसकी डिमांड में कमी क्यों आई है, इस बारे में कुछ कहना मुश्किल है। दरअसल गंभीर मरीज अभी भी आ रहे हैं।"
-डॉ. आर के पंडा, चेस्ट एक्सपर्ट अंबेडकर अस्पताल

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