फेक टीआरपी मामले में रिपब्लिक ग्रुप घिरता हुआ नजर आ रहा है। आज ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी(सीएफओ) शिवा सुंदरम को समन भेज सुबह 11 बजे क्राइम ब्रांच के ऑफिस पूछताछ के लिए तलब किया गया है। फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा चैनलों के कुछ अन्य अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा है। इससे पहले इन दोनों टीवी चैनल के मालिकों को गिरफ्तार किया गया था। गुरुवार को मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी चैनल ने पैसे देकर रेटिंग बढ़ाई है। दूसरी तरफ, रिपब्लिक टीवी ने खुद पर लगे आरोपों को न सिर्फ सिरे से खारिज किया है बल्कि परमबीर सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज करने की बात कही है। इस मामले की एफआईआर में इंडिया टुडे चैनल का नाम आने के बाद एक नया ट्विस्ट इस केस में आ गया है।
कोर्ट ने फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा चैनलों के मालिकों को 13 अक्तूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मुंबई पुलिस ने विज्ञापन देने वाली एजेंसियों के कुछ अधिकारियों को भी तलब किया है। उधर, मुंबई पुलिस की पड़ताल में हंसा रिसर्च के पूर्व कर्मचारी विशाल भंडारी की डायरी से कई खुलासे होने की जानकारी सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि पुलिस को मिली इस डायरी में कई घरवालों के नाम दर्ज हैं जिन्हें अमुक टीवी देखने के लिए पैसे दिए जा रहे थे।
रेटिंग एजेंसीज से जुड़े दो कर्मचारी समेत चार लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, फर्जी इस रैकेट की सूचना मिलने पर सबसे पहले विशाल भंडारी नामक शख्स पकड़ में आया। विशाल टीआरपी एजेंसी BARC के लिये काम करने वाली एजेंसी हंसा का कर्मचारी रह चुका है और उसे कहां-कहां बैरोमीटर लगे हैं ये पता था। दूसरे आरोपी संजू राव के साथ मिलकर उसने फर्जी रेटिंग का खेल शुरू किया। जिस घर मे बैरोमीटर लगा था वहां जाकर उन्हें रिपब्लिक टीवी और बाकी के दो चैनल देखने के लिए महीने का 400 रुपया देने का लालच दिया। पुलिस मामले में अब तक कुल 4 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें फक्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के दो मालिक भी शामिल हैं।
गोस्वामी के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका
अर्नब गोस्वामी और उनके टीवी चैनल पर लगाम कसने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। यह मामला मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध है, जिसमें याचिकाकर्ताओं के वकील को आपराधिक मामलों में ट्रायल और जांच को रेगुलेट करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देशों का मसौदा प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए आगे की सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख तय की गई है।
यह है याचिकाकर्ता की मांग
याचिका में केंद्र को आपराधिक जांच से संबंधित सभी समाचारों की रिपोर्टिंग या प्रसारण को नियंत्रित करने के लिए नियमों एवं रेगुलेशन को तय करने के लिए दिशानिर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में गोस्वामी और उनकी मीडिया कंपनी के खिलाफ 1971 के कंटेम्प्ट ऑफ कोट्स एक्ट के तहत कार्यवाही शुरू करने की भी मांग की गई है।
याचिका में गोस्वामी और उनकी मीडिया कंपनी, जो रिपब्लिक टीवी चलाती है, उन्हें खोजी पत्रकारिता के नाम पर आपराधिक जांच से संबंधित सूचनाओं या समाचारों को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने के लिए अदालत के निर्देश की मांग की गई है। याचिकाकर्ता मोहम्मद खलील ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि गोस्वामी और उनकी कंपनी, अपने चैनलों के माध्यम से अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित 'विकृत और भ्रामक' तथ्यों की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
तीस हजार करोड़ रुपये का है घोटाला- संजय राउत
शिवेसना प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया है कि टीआरपी का खेल सामान्य घोटाला नहीं है। यह पूरा 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है। यह बदले की कार्रवाई नहीं है। मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह ने खुद इस घोटाले का पर्दाफाश किया है तो उनके पास जरूर कोई ठोस सबूत होगा। राउत ने कहा कि जो चैनल महाराष्ट्र के नेताओं पर छींटाकशी कर रहा था उसकी असलियत उजागर हो गई है। राउत ने आगे कहा कि यह तो महज शुरुआत है। सब कुछ जल्द सामने आ जाएगा।
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