Thursday, 28th August 2025

नवरात्रि में मंदिरों में नो एंट्री:सोशल मीडिया मिटाएगा मां और भक्तों के बीच की दूरी, जोत-आरती के होंगे ऑनलाइन दर्शन

Sat, Oct 10, 2020 2:23 PM

  • तैयारियों में आई तेजी क्योंकि अब 6 दिन ही शेष, भीड़ न बढ़ जाए इसलिए ट्रस्टों ने लिया फैसला
  • शहर के मंदिरों में रंग रोगन और साज सज्जा का काम शुरु हुआ
 

नवरात्रि पर प्रशासन की गाइडलाइन आते ही तैयारियों में भी तेजी आई है। मंदिरों में जोत कक्ष से लेकर गर्भगृह तक रंग रोगन और साज-सज्जा का काम शुरू हो गया है। शिखर और बाहरी दीवारों पर झालर भी लगाए जा रहे हैं। यानी मंदिरों में पहले की नवरात्रि की तरह सारी तैयारियां हो रहीं हैं। बस इस बार भक्तों की एंट्री पर बैन रहेगा। कहीं भीड़ न बढ़ जाए, इसी अंदेशे के चलते मंदिर ट्रस्टों ने यह फैसला लिया है। कोविड 19 की वजह से माता और भक्तों के बीच आई इस दूरी को सोशल मीडिया दूर करेगा। वो ऐसे कि नवरात्रि के दौरान माता की नियमित आरती और शृंगार समेत मनोकामना जोत के ऑनलाइन दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए पहले ही देवी मंदिरों के नाम से फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल बनाए जा चुके हैं। इन पर सुबह-संध्या की आरती, शृंगार के साथ पंचमी-अष्टमी पर होने वाले सभी अनुष्ठान भी लाइव दिखाए जाएंगे। बंजारी धाम के हरीश भाई जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए नवरात्रि के दौरान भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं देने का फैसला लिया गया है। मनोकामना जोत के पंजीयन लिए जा रहे हैं। भक्त घर बैठे दर्शन कर सकें, इसलिए फेसबुक पर मां बंजारी धाम के नाम से पेज बना रहे हैं। इसी तरह पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर का फेसबुक पेज श्री राज राजेश्वरी मां महामाया मंदिर और कंकाली मंदिर की फेसबुक आईडी श्री कंकाली मंदिर समिति के नाम से है।

मंदिरों में इस वक्त होगीमाता की लाइव आरती

  • 8.00 - बजे सुबह
  • 12.00 - बजे दोपहर
  • 8.00 - बजे रात

मंदिरों से इसी समय पर शृंगार व जोत के भी दर्शन कराएंगे

लक्ष्मण-रेखा है जरूरी - एक कन्या को ही देवी मां के 9 रूप मानकर कराएं भोजन
कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं होती। लॉकडाउन 5 में आयोजनों को लेकर कई छूट मिली है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में छूट का भी सही इस्तेमाल करना जरूरी है। महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला कहते हैं कि चैत्र की तरह शारदीय नवरात्रि में भी लोगों को 9 की जगह 1 ही कन्या में 9 देवियों के दर्शन कर भोजन कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में प्रथमा,तृतीया, पंचमी, और नवमी, विषम संख्या वाली इन 4 तिथियों पर कन्या भोज कराने का प्रावधान है। हर दिन संभव ना हो तो अष्टमी, नवमी को भी कन्या पूजन कर सकते हैं। इस नवरात्रि यदि हम 9 की जगह 1 कन्या की पूजा करने को अपनी लक्ष्मण रेखा बना लें तो इससे संक्रमण का खतरा कम रहेगा। ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कोरोना महामारी से बच्चों को ज्यादा खतरा है।

किन उपायों से संपन्न कराएं कन्या पूजन

  • कन्या को मीठा भोजन कराएं और जो भी दान देना हो उन्हें देवी भाव से ही भेंट करें। उस भेंट पर आप अपना अधिकार ना दिखाएं। नवरात्रि के दौरान कन्या का अपमान ना करें।
  • अगर घर में छोटी कन्या ना हो तो घर के मंदिर में माता की पूजा करके उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग लगाएं और माता को भेंट सामग्री अर्पित करें।
  • प्रसाद का कुछ हिस्सा माता का ध्यान करते हुए गाय को खिला दें। माता के प्रसाद को घर के सभी लोगों को ग्रहण करना चाहिए।
  • कन्या पूजन में लंबे समय तक टिकने वाले प्रसाद जैसे सूखा नारियल, मखाना, मूंगफली, मिसरी आदि भेंट कर सकते हैं। स्थिति सामान्य होने के बाद इन्हें किसी कन्याओं को अथवा माता के मंदिर में भेंट कर सकते हैं।
  • नवरात्रि में देवी को सुहाग की सामग्री भी चढ़ाई जाती है। नवरात्रि के दौरान ज्यादातर मंदिर भी बंद रहेंगे, ऐसे में घर में स्थापित माता की मूर्ति के सामने सुहाग सामग्री चढ़ाई जा सकती है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery