छत्तीसगढ़ के जांजगीर में हाथरस की घटना के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी और भीम रेजीमेंट के कार्यकर्ता भिड़ गए। कांग्रेसियों ने भीम रेजीमेंट कार्यकर्ताओं की जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने बीच-बचाव का प्रयास भी किया, पर किसी ने नहीं सुना। सारा विवाद भीम रेजीमेंट कार्यकर्ताओं की ओर से शुरू किया गया था। हालांकि घटना के बाद रेजीमेंट ने आरोपियों काे अपना कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दिया।
हाथरस में हुई दुष्कर्म की घटना और हत्या के विरोध में कांग्रेस ने एक दिन का सत्याग्रह मौन व्रत रखा था। जांजगीर में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने वे धरने पर बैठे थे। इस दौरान कांग्रेसियों ने पार्टी के झंडे भी प्रतिमा के आसपास लगा दिए। वहीं कचहरी चौक पर भीम रेजीमेंट के कार्यकर्ता भी घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
अंबेडकर प्रतिमा के पास कांग्रेस के झंडे लगे देख किया विरोध
इसी दौरान भीम रेजीमेंट के कार्यकर्ता रैली निकालकर अंबेडकर प्रतिमा की ओर जाने लगे। उनमें से दो युवक आगे आए और कांग्रेसियों से पार्टी का झंडा वहां लगाने का विरोध करने लगे। इस पर कार्यकर्ताओं ने उन्हें समझाया कि बाबा साहब तो सबके हैं। आप भी अपने झंडे लगा लो। पुलिसकर्मियों ने भी समझाया। इस पर दोनों युवक वहां से लौट गए।
आरोप है कि पार्टी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी से भड़के कांग्रेसी
आरोप है कि थोड़ी देर बाद रैली लेकर प्रतिमा के पास पहुंचे भीम रेजीमेंट के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। पहले तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समझाया, लेकिन जब नहीं माने तो उनकी पिटाई कर दी गई। इस दौरान पुलिसकर्मी बीच-बचाव करते रहे, लेकिन उनकी नहीं सुनी।
भीम रेजीमेंट ने घटना से झाड़ा पल्ला
वहीं इस पूरी घटना से भीम रेजीमेंट ने पल्ला झाड़ लिया है। संगठन के जिला प्रभारी जयवीर रात्रे ने आरोपियों को अपना कार्यकर्ता ही मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे और कांग्रेस के विरोध और आंदोलन का विषय एक था। हमने सोशल मीडिया पर प्रदर्शन के बारे में लिखा था। इसमें कुछ अराजक तत्व भी घुस आए।
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