राजधानी रायपुर में नगर निगम जल्द ही लगभग 50 करोड रुपए के अलग-अलग प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। यह सारे काम दिवाली यानी 16 नवंबर से पहले शुरू किए जाएंगे। वजह ये है कि कोरोना की वजह से शहर में निर्माण ठप है। राज्य शासन और नगर निगम की सोच ये है कि नए प्रोजेक्ट शुरू होने से राजधानी का माहौल बदलेगा और रोजगार के मौके भी मिलेंगे। जो प्रोजेक्ट प्राथमिकता से शुरू किए जाने वाले हैं, उनमें धरमपुरा में प्रदेश का पहला सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल, तेलीबांधा में ऑक्सीजोन, बूढ़ातालाब में लक्ष्मण झूला और एसटीपी शामिल हैं। कोरोना की वजह से पिछले 6 महीने में शहर में कोई भी नया काम शुरू नहीं हो सका। ज्यादातर योजनाएं कागज पर तो तैयार हैं, लेकिन उन्हें धरातल पर लाने में कई दिक्कतें थीं। लेकिन हाल में हुए अंतिम लाॅकडाउन से बाहर निकलने के बाद सरकारी एजेंसियों की मंशा कोरोना संकट से मानसिक तौर पर राजधानी-प्रदेश को बाहर निकालने की भी है। इसी कड़ी में रायपुर नगर निगम वह सभी काम शुरू करने जा रहा है, जो थमे थे। जानकारों के अनुसार अगले महीना 16 तारीख को दिवाली है। इससे पहले ही रायपुर नगर निगम लगभग 50 करोड रुपए के काम शुरू कर देगा। इनमें कुछ बड़े प्रोजेक्ट के अलावा तालाबों के सौंदर्यीकरण जैसे काम भी हैं, जिन्हें 15 अक्टूबर के बाद एक-एक कर शुरू हो जाएंगे।
दिल्ली की तर्ज पर होगा स्कूल
दिल्ली सरकार की राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालयों की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में निजी स्कूलों जैसी सुविधाओं वाला प्रदेश का पहला अंग्रेजी माध्यम स्कूल धरमपुरा में खोला जा रहा है। करीब 12 करोड़ की लागत से दो एकड़ क्षेत्र में स्कूल का कैंपस होगा। भूतल सहित चार मंजिल की स्कूल बिल्डिंग होगी। टेंडर जारी कर दिया गया है। स्कूल बिल्डिंग का काम इसी माह शुरू होगा। सालभर के भीतर बिल्डिंग तैयार हो जाएगी और यहां अध्ययन भी शुरू हो जाएगा।
नया ऑक्सीजोन 13 करोड़ से
तेलीबांधा थाना के सामने लगभग 13 करोड रुपए की लागत से ऑक्सीजन विकसित किया जाना है। पास में ही लगभग ढाई एकड़ के तालाब में शहर का दूसरा लक्ष्मण झूला तैयार होगा। रायपुर नगर निगम ने इस योजना को अंतिम रूप दे दिया है। जल्द ही इस पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसका टेंडर भी जारी किया जा चुका है। कुल 8 एकड़ क्षेत्र, जिसमें ढाई एकड़ का तालाब है। पूरे क्षेत्र में हरियाली विकसित की जाएगी। लोगों को शहर में यह दूसरा ऑक्सीजन मिलेगा। इससे पहले कलेक्ट्रेट के पीछे तैयार किया जा रहा ऑक्सीजन लगभग 17 एकड़ का है। यहां पर लगभग 5 एकड़ में ऑक्सीजन तैयार किया जा रहा है। यहां पर लोगों के चलने के लिए पाथवे, योगा, मेडिटेशन की जगह तथा बच्चों के खेलने के लिए झूले व अन्य उपकरण भी लगाए जाएंगे। साथ ही तालाब में लक्ष्मण झूला भी बनाया जा रहा है। यह शहर का दूसरा लक्ष्मण झूला होगा। खारुन नदी में बनाए गए लक्ष्मण झूला की तरह यहां भी लोग तालाब से गार्डन में आ जा सकेंगे।
एसटीपी में खर्च होंगे 18 करोड़
बूढ़ातालाब में लगभग 18 करोड रुपए का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना है। रायपुर नगर निगम ने प्लांट लगाने की योजना तैयार की थी और इसका टेंडर भी जारी कर दिया गया था लेकिन निर्माण एजेंसी ने साल भर में यह काम शुरू नहीं किया। इसलिए रायपुर नगर निगम पुराना ठेका निरस्त कर अब नया ठेका जारी करेगा। इसके लिए इसी महीना टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। संभवत अगले महीने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू भी हो जाएगा। यह प्लांट बूढ़ा तालाब में गिर रहे गंदे और नाले के पानी को शुद्ध और साफ कर तालाब में छोड़ेगा। इससे बूढ़ा तालाब का पानी गंदा नहीं होगा और उसमें साफ पानी मिलेगा यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट मारवाड़ी शमशान घाट के पास निगम की खाली जमीन पर तैयार किया जाएगा।
"दिवाली से पहले राजधानी में रुके हुए या नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। सब मिलाकर 50 करोड़ रुपए के काम शुरू होंगे। अधिकांश टेंडर प्रक्रिया में हैं, जो अगले कुछ दिन में निपटा ली जाएगी। इससे शहर का वातावरण भी कुछ बदलने और रोजगार के मौके मिलने की उम्मीद है।"
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