राजधानी की पार्टियों में मुंबई से ड्रग्स मंगवाकर सप्लाई करनेवाले दोनों पैडलर (तस्कर) ने शुरुआती पूछताछ में राज उगलने शुरू कर दिए हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों ने पिछले डेढ़ साल में राजधानी में 18 ऐसी पार्टियों का ब्योरा दिया है, जिसमें ड्रग्स का उपयोग किया गया। ये पार्टियां होटल और क्लब ही नहीं, बल्कि फार्महाउस में भी हुई थीं। ड्रग्स हमेशा पार्टी के आयोजकों ने नहीं खरीदे, बल्कि कई बार वहां पहुंचे लोगों ने भी जानकारी के आधार पर ले लिए। ऐसे 8 लोगों के नाम और नंबर पुलिस को मिले हैं, जिन्हें पिछले छह माह में पैडलर ने कोकीन या व्हाइट पाउडर 10 हजार रुपए पुड़िया के हिसाब से सप्लाई किए। लेकिन एक बात और सामने आ रही है कि दोनों ने जिन इवेंट का आयोजन खुद करवाया, ड्रग उन्हीं में बेची गई, किसी दूसरे के इवेंट में नहीं। पूछताछ में दोनों ने पुलिस को बताया कि जिन लोगों ने ड्रग खरीदी, उनमें युवाओं की संख्या ज्यादा है लेकिन कुछ उम्रदराज भी हैं। अधिकांश संभ्रांत परिवारों से हैं और दोनों के मोबाइल पर जितने कांटेक्ट हैं, उनमें से ज्यादातर संपन्न परिवारों के ही लोग हैं। फिलहाल पुलिस फोन बुक और डायल्ड काॅल की जांच कर सूची बना रही है। व्हाट्सएप चैप भी देखी जा रही है। अफसरों ने बताया कि जरूरत पड़ी तो डेढ़ साल के काॅल डीटेल और वाट्स चैट का ब्योरा मांगा जाएगा। यह पता लगाने के लिए पुलिस अलग टीम गठित करेगी कि आखिर पार्टियां कहां हुईं जिनमें ड्रग्स सप्लाई किया गया। पूछताछ करनेवाले अफसरों ने बताया कि अब तक की पूछताछ में आरोपियों से ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। गुमराह करने के अंदेशे पर ही उनके मोबाइल जब्त किए गए हैं। इन्हें जांच के लिए साइबर सेल भेजा जा रहा है।
होटलों के लिए अलग जांच टीम
शहर में पुलिस ने पिछले 48 घंटे में 70 से ज्यादा होटल, कैफे, बार और ढाबों को नोटिस जारी किया है। सभी को निर्धारित समय में बंद करने का आदेश देते हुए चेतावनी दी गई है कि अगर उनके यहां पार्टी में नशे की सूचना आई तो तुरंत छापा मारा जाएगा। अब केवल होटल-क्लब के मैनेजर ही नहीं बल्कि मालिक को भी आरोपी बनाया जाएगा। इसी तरह, होटल और कैफे में रात की पार्टियों पर नजर रखने के लिए प्रशासन नया सिस्टम बनाने जा रहा है। सभी थानेदारों से कहा गया है कि अपने इलाके में छोटे-बड़े सभी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, क्लब और कैफे संचालकों की मीटिंग लेकर उन्हें हर आने-जाने वालों का रिकार्ड रखने के लिए करें। होटल के एंट्री गेट, काउंटर और पार्टी हॉल में सीसीटीवी कैमरा लगा होना चाहिए। कमरा या पार्टी हॉल बुक कराने वाली की पूरी जानकारी होनी चाहिए। शराब पार्टी का आयोजन किया जाता हैं, तो उसकी अनुमति होनी चाहिए और थाने में भी सूचना देनी पड़ेगी। पार्टी में आने वालों की संख्या की जानकारी भी रखने के लिए कहा गया है।
सीधी कनेक्टिविटी की वजह से वीड का बड़ा ट्रैफिकिंग सेंटर है रायपुर
अब तक की पुलिस जांच में कई बार यह बात सामने आ चुकी है कि ओड़िशा के सीमावर्ती महासमुंद जिले से लगा होने तथा अधिकांश राज्यों और शहरों से सीधी कनेक्टिविटी की वजह से रायपुर गांजे का बड़ा ट्रैफिकिंग सेंटर बन गया है। ओड़िशा से जो भी गांजा आ रहा है, रायपुर और आसपास से ही पंजाब, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के अलावा दिल्ली, यूपी और बिहार तक जा रहा है। कई पैडलर इसका खुलासा कर चुके हैं। 10 दिन पहले देवेंद्र नगर पुलिस ने बस स्टैंड से 4 लड़कों को पकड़ा था, जो गांजा लेकर रायपुर से इलाहाबाद जा रहे थे। टिकरापारा पुलिस ने डेढ़ माह पहले दो युवकों को गांजे के साथ गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वे इसे पंजाब ले जा रहे थे। अफसरों के मुताबिक यह साफ हो चुका है कि राजधानी रायपुर में गांजा ओडिशा से महासमुंद, सुकमा और धमतरी के रास्ते आता है। मलकानगिरि गांजे का बड़ा सेंटर है। ट्रक के अलावा बस, बाइक से लेकर कारों से गांजा लाया जा रहा है। यही नहीं, शहर के लगभग हर मोहल्ले में गांजे के दो-तीन छोटे-छोटे पैडलर हैं जो पुड़िया में गांजा बेच रहे हैं। इस अवैध धंधे में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।
मोबाइल-बैंक खाते खंगालेंगे
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि राजधानी में ड्रग्स और नशे के कारोबार की बारीकी से पड़ताल की जा रही है। इसके लिए सायबर सेल की ही एक अलग टीम गठित करेगी। यह टीम शहर में वीड (गांजा), हशीश (हैश) से लेकर नशीली टेबलेट और सिरप के कारोबारियों की जांच करेगी। पुलिस इस बार पैडलर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि मुंबई में हर लिंक तक पहुंचेगी। इसीलिए पैडलर के मोबाइल डिटेल से लेकर बैंक खाते तक की जानकारी मांगी जा रही है। दरअसल दूसरे राज्यों के तस्कर यहां के पैडलर पकड़े जाने पर दूसरे युवकों को अपने जाल में फांस लेते हैं, इसलिए जड़ पर वार जरूरी हो गया है।
"ड्रग्स पैडलर ने आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के नाम और फोन नंबर दिए हैं। उन्हें ड्रग्स सप्लाई हुआ था। सभी को गुरुवार को नोटिस देकर पूछताछ के लिए थाने बुलाया जाएगा।"
-डीसी पटेल, सीएसपी-कोतवाली
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