Saturday, 26th July 2025

5 महीने में 9वीं बार योगी को लिखा पत्र:प्रियंका गांधी ने बेरोजगारों को लेकर योगी को पत्र लिखा; कहा- आपके राज में युवा कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर

Thu, Oct 1, 2020 5:34 PM

  • योगी सरकार ने एक दिन पहले ही कहा था- 6 महीने में 3 लाख लोगों को रोजगार देने का खाका तैयार
  • कोरोना संकट, कानून व्यवस्था, बेटियों की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सीएम को पत्र लिख चुकी हैं प्रियंका
 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को बेरोजगारी पर लेटर लिख प्रदेश के युवाओं के दर्द के बारे में बताया है। उन्होंने लेटर में लिखा है कि बेरोजगार युवा कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने पत्र में लिखा- मैं बेरोजगार युवाओं से बात करने के बाद उनकी समस्याओं के बारे में आपको पत्र लिख रही हूं। युवा मजबूरी में कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। इनकी कहानी सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं समझ नहीं पा रही कि सरकार ने इनके प्रति इतना निर्मम स्वभाव क्यों बनाया हुआ है जबकि यही यूपी की आने वाली पीढ़ी है।

प्रियंका ने आगे लिखा- सरकार इनके प्रति जवाबदेह है। कोरोना महामारी भी इनके ऊपर कहर बरपा रही है। एक तो नौकरी नहीं है। दूसरा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई अभ्यर्थी अवसाद में है। उनके ऊपर नमक, तेल और राशन का भार भी है।'' प्रियंका ने सीएम से आग्रह करते हुए कहा है कि इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिया जाए।

प्रियंका ने योगी को लिखा पत्र।
प्रियंका ने योगी को लिखा पत्र।

सीएम ने अगले 6 महीने में 3 लाख लोगों को रोजगार देने का किया है एलान
इससे पहले सीएम योगी ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान आगामी 6 महीनों में 3 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का एलान किया है। इसके बाद शनिवार को प्रियंका गांधी ने पत्र लिखा है। पिछले तीन चार महीनों में ही प्रियंका गांधी कोरोना संकट, कानून व्यवस्था, बेटियों की सुरक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर सीएम योगी को पत्र लिख चुकी है। सबसे ज्यादा प्रियंका का पत्र तब चर्चा में आया था जब प्रियंका ने कोरोनाकाल में बसों का इंतजाम करने की पेशकश की थी।

दो दिन पहले प्रियंका ने बेरोजगारों से किया था संवाद

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने 2016 के 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। प्रियंका ने कहा था कि मेरा मानना है कि युवाओं की बात सुननी पड़ेगी और उनके मुद्दों के लिए हमें सड़क से लेकर सदन तक लड़ना होगा। कांग्रेस पार्टी इससे पीछे नहीं हटने वाली है।

5 महीने में 9 पत्र चुकी हैं प्रियंका

  • मार्च में लॉकडाउन के बाद से पिछले 5 महीनों में 9 पत्र लिख चुके हैं। इन पत्रों में वह कभी कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर भड़की तो कोरोना को लेकर सुझाव दिया तो कभी प्रवासी मजदूरों की मदद की पेशकश भी की है। हालांकि सियासी गलियारों में इसे राजनीतिक पैंतरेबाजी की ही दृष्टि से देखा गया है।
  • 19 सितंबर: बेरोजगारों के संबंध में
  • 01 अगस्त: यूपी में में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर पत्र लिखा
  • 24 जुलाई: कोरोना पर सुझाव
  • 28 जुलाई: कानून व्यवस्था के संबंध में
  • 30 जुलाई: कफील खान की रिहाई
  • 13 मई:मध्यम वर्ग की समस्याओं, लघु और कुटीर उद्योगों, कारीगरों की समस्याओं और किसानों की समस्याओं पर कुछ सुझावों और मांगों सहित पत्र लिखा
  • 16 मई: दूसरे राज्यों से पैदल चले आ रहे मजदूरों के लिए बसें चलाने की अनुमति मांगी
  • 9 अप्रैल: यूपी की जनसंख्या देखते हुए टेस्टिंग बढ़ाने का सुझाव
  • 27 मार्च: कोरोना के खिलाफ जंग में प्रदेश सरकार का साथ देने का भरोसा दिलाया

प्रियंका अपनी रणनीति में कर रही हैं बदलाव

सीनियर जर्नलिस्ट रतन मणि लाल कहते हैं कि यह राजनीति यूपी में दो दशक हुए ख़त्म हुए। राजनाथ सिंह जब सीएम हुआ करते थे तब विपक्ष के नेता उन्हें पत्र लिखा करते थे। उसके बाद मुलायम की सरकार आई फिर मायावती फिर अखिलेश और इतने सालों में राजनीति में इतनी खटास पैदा हो गयी कि विपक्ष ने सत्ता पक्ष के नेता को पत्र लिखना ही छोड़ दिया। आप देखे तो आमतौर पर विपक्ष के नेता अटैक करते हैं या तो बयान देते हैं या फिर ट्वीट कर देते हैं। चूंकि उनका टारगेट जनता होती है। मीडिया के माध्यम से बात जनता तक पहुँच जाती है लेकिन वह सीधे न तो मुख्यमंत्री से न ही सरकार के प्रतिनिधि से बात करते हैं।

प्रियंका गांधी को इससे तीन फायदे मिलेंगे

  • जनता के बीच माहौल बनता है, जिसका चुनाव में फायदा उठाया जा सकता है।
  • सीएम को चाहे आम आदमी पत्र लिखे या फिर कोई वीआईपी वह हमेशा रिकॉर्ड में होता है। साथ ही वह मीडिया में भी आ जाती है। ऐसे में सीएम उसे इग्नोर नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि अन्य विपक्षी दलों की अपेक्षा योगी सरकार प्रियंका गांधी के एक्शन पर रियेक्ट करते हैं।
  • प्रियंका की आने वाले समय में टकराव रहित छवि बनेगी जो आगे चलकर वह इसे मजबूत कर सकती है। इससे उनकी पार्टी में तो उनकी स्वीकार्यता है ही अन्य दलों के लोगों में भी स्वीकार्यता बढ़ेगी।

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