कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सीएम योगी को बेरोजगारी पर लेटर लिख प्रदेश के युवाओं के दर्द के बारे में बताया है। उन्होंने लेटर में लिखा है कि बेरोजगार युवा कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने पत्र में लिखा- मैं बेरोजगार युवाओं से बात करने के बाद उनकी समस्याओं के बारे में आपको पत्र लिख रही हूं। युवा मजबूरी में कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। इनकी कहानी सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं समझ नहीं पा रही कि सरकार ने इनके प्रति इतना निर्मम स्वभाव क्यों बनाया हुआ है जबकि यही यूपी की आने वाली पीढ़ी है।
प्रियंका ने आगे लिखा- सरकार इनके प्रति जवाबदेह है। कोरोना महामारी भी इनके ऊपर कहर बरपा रही है। एक तो नौकरी नहीं है। दूसरा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई अभ्यर्थी अवसाद में है। उनके ऊपर नमक, तेल और राशन का भार भी है।'' प्रियंका ने सीएम से आग्रह करते हुए कहा है कि इन 24 जिलों के अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति पत्र दिया जाए।
सीएम ने अगले 6 महीने में 3 लाख लोगों को रोजगार देने का किया है एलान
इससे पहले सीएम योगी ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान आगामी 6 महीनों में 3 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का एलान किया है। इसके बाद शनिवार को प्रियंका गांधी ने पत्र लिखा है। पिछले तीन चार महीनों में ही प्रियंका गांधी कोरोना संकट, कानून व्यवस्था, बेटियों की सुरक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर सीएम योगी को पत्र लिख चुकी है। सबसे ज्यादा प्रियंका का पत्र तब चर्चा में आया था जब प्रियंका ने कोरोनाकाल में बसों का इंतजाम करने की पेशकश की थी।
दो दिन पहले प्रियंका ने बेरोजगारों से किया था संवाद
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने 2016 के 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। प्रियंका ने कहा था कि मेरा मानना है कि युवाओं की बात सुननी पड़ेगी और उनके मुद्दों के लिए हमें सड़क से लेकर सदन तक लड़ना होगा। कांग्रेस पार्टी इससे पीछे नहीं हटने वाली है।
5 महीने में 9 पत्र चुकी हैं प्रियंका
प्रियंका अपनी रणनीति में कर रही हैं बदलाव
सीनियर जर्नलिस्ट रतन मणि लाल कहते हैं कि यह राजनीति यूपी में दो दशक हुए ख़त्म हुए। राजनाथ सिंह जब सीएम हुआ करते थे तब विपक्ष के नेता उन्हें पत्र लिखा करते थे। उसके बाद मुलायम की सरकार आई फिर मायावती फिर अखिलेश और इतने सालों में राजनीति में इतनी खटास पैदा हो गयी कि विपक्ष ने सत्ता पक्ष के नेता को पत्र लिखना ही छोड़ दिया। आप देखे तो आमतौर पर विपक्ष के नेता अटैक करते हैं या तो बयान देते हैं या फिर ट्वीट कर देते हैं। चूंकि उनका टारगेट जनता होती है। मीडिया के माध्यम से बात जनता तक पहुँच जाती है लेकिन वह सीधे न तो मुख्यमंत्री से न ही सरकार के प्रतिनिधि से बात करते हैं।
प्रियंका गांधी को इससे तीन फायदे मिलेंगे
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