Saturday, 24th May 2025

बढ़ते कदम:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कराने वाला देश का दूसरा संस्थान बनेगा आईआईटी भिलाई, 4 साल का कोर्स भी खुद ही डिजाइन किया

Wed, Sep 30, 2020 5:01 PM

  • आईआईटी हैदराबाद पहला संस्थान जहां ये कोर्स, भिलाई में 20 सीटों में प्रवेश
 

आईआईटी भिलाई में इसी सत्र से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-डेटा साइंस प्रोग्राम में बी-टेक शुरू होने वाला है। यह प्रोग्राम कराने वाला आईआईटी भिलाई देश का दूसरा संस्थान बन जाएगा। अभी आईआईटी हैदराबाद में प्लेन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्लासेस लग रही है। भिलाई में शुरू होने वाले इस कोर्स की खासियत ये है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डेटा साइंस भी शामिल है। इस कोर्स को आईआईटी भिलाई की टीम ने ही डिजाइन किया है। यह 4 साल का होगा। इस साल जेईई एडवांस्ड के परिणाम के बाद छात्र दाखिला के लिए आवेदन कर सकेंगे।

अब एआई के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं
यह कोर्स अमेरिका की कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में कराया जाता है। प्रोग्राम की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2020-2021 से हो रही है। इसकी पढ़ाई के लिए देश के छात्र विदेशों का रूख कर रहे थे। आईआईटी हैदराबाद के बाद अब आईआईटी भिलाई में इसकी शुरुआत होने से छात्र विदेश नहीं जाएंगे। अपने ही देश में बेहतर शिक्षा मिल जाएगी।

प्रोग्राम में कंप्यूटर साइंस के साथ मैथ्स भी पढ़ेंगे
आईआईटी भिलाई के ईईसीएस के प्रो. संतोष बिस्वास ने बताया कि इस बी-टेक प्रोग्राम को आईआईटी भिलाई ने ही डिजाइन किया है। यह एंटीक कोर्स है। इस प्रोग्राम में कंप्यूटर साइंस, मैथ्स, डेटा साइंस व आर्टिफिशियल है। जिसे बारीकी से परखने के लिए आईएसआई कलकत्ता, आईआईटी रूढ़की, आईआईटी खड़गपुर, डीआरआडीओ, आईआईएससी बैंगलोर की टीम ने इसे देखा है।

इसलिए आईआईटी भिलाई भी करा रहा ये प्रोग्राम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम शुरू करने का उद्देश्य स्टूडेंट्स को इस क्षेत्र से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराना है। इसके अलावा स्टूडेंट्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में इनोवेशन के लिए सक्षम बनाना है। इस प्रोग्राम में कुल 20 छात्रों जेईई एडवांस के स्कोर के आधार एडमिशन दिया जाएगा। पढ़ाई के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।

क्या है ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जानिए
कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई) मानव और अन्य जंतुओं द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धि है। कंप्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धि के शोध को “होशियार एजेंट” का अध्ययन माना जाता है। कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान का एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को खुफिया के साथ विकसित करता है। 1955 में यह अस्तित्व में आया।

इसी सत्र से छात्र ले सकेंगे एडमिशन...
"इसी सत्र से आईआईटी भिलाई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-डेटा साइंस बी-टेक प्रोग्राम शुरू करने जा रहे हैं। 20 सीट के साथ प्रोग्राम शुरू होगा। अब तक आईआईटी हैदराबाद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बी-टेक हो रहा था। छात्र इसी सेशन से एडमिशन ले सकेंगे।"
प्रो. रजत मूना, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई

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