Saturday, 24th May 2025

छत्तीसगढ़ में कोरोना:संक्रमितों की संख्या में मामूली कमी, पर 4 माह से रोज औसतन 8 मौतें, प्रदेश में 2197 नए मरीज

Wed, Sep 30, 2020 4:21 PM

  • राजधानी में 456 नए केस, प्रदेश में 39 मौतें
  • दुर्ग आईजी की रिपोर्ट पॉजििटव आई
 

छत्तीसगढ़ में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। प्रदेश में मई से अब तक मौतों का औसत निकाला जाए तो रोजाना 8 लोगों की जान कोरोना से जा रही है। इस बीच मंगलवार को रायपुर में 456 समेत प्रदेश में कोरोना के 2197 नए मरीज मिले हैं। इलाज के दौरान मंगलवार को 39 कोरोना संक्रमितों की जान गई, जिनमें 12 रायपुर के हैं। प्रदेश में अब तक 917 मरीजों की जान गई है, जिसमें 420 रायपुर के हैं। वहीं दुर्ग रेंज के आईजी व उनके स्टॉफ के 5 अन्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या अब बढ़कर 110655 पर पहुंच गई है। इनमें एक्टिव केस 31225 हैं। इलाज के बाद 78514 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। रायपुर में मरीजों की संख्या 33285 और एक्टिव केस 10839 है। 22026 लोग स्वस्थ हुए हैं। अब तक 11 लाख से ज्यादा सैंपल की जांच की जा चुकी है। प्रदेश में कोरोना से पहली मौत 29 मई को बिरगांव के एक युवक की हुई थी।

पिछले 4 माह में 917 मरीजों की जान जा चुकी है। पिछले दो माह से प्रति माह औसतन 222 मरीजों की मौत हो रही है। मंगलवार को प्रदेश की पहली मौत को 4 माह पूरे हो गए हैं। दरअसल इन दिनों अस्पतालों में ऐसे मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत के साथ दूसरी बीमारी है। सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. यूसुफ मेमन व चेस्ट एक्सपर्ट डॉ. आरके पंडा के अनुसार ऐसे मरीज अस्पताल में इलाज के कुछ घंटे बाद दम तोड़ रहे हैं। दूसरी बीमारी के कारण ऐसे मरीजों में रिस्क फैक्टर ज्यादा है, इसलिए इलाज में देरी समस्या बन रहरी है।

35 तो अस्पताल तक ही जीवित नहीं पहुंचे : प्रदेश में 29 मई से अब तक 35 से ज्यादा ऐसे मरीजों की मौत हुई है, जिनका शव ही अस्पताल पहुंचा। यानी वह ब्राॅड डेड थे। डॉक्टरों का कहना है कि समय पर बीमारी की पहचान होने से मरीज को इलाज से ठीक किया जा सकता है। अगर किसी को और बीमारियां हैं तो उनके लिए खतरा ज्यादा है। ऐसे में जरा सी लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले ही कह चुके हैं कि मरीज बढ़ रहे हैं, इससे ज्यादा चिंता मौतों को लेकर है। इस संख्या को आधी या उससे भी कम करने की जरूरत है। इसका एक ही तरीका है, लोगों को समय रहते अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा।

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