Saturday, 26th July 2025

ओपी रावत का कॉलम:मतदाताओं काे पाेलिंग बूथ तक लाना और सुरक्षित मतदान कराना बड़ी चुनौती

Wed, Sep 30, 2020 4:19 PM

भारत में काेराेनाकाल का पहला सबसे बड़ा उपचुनाव मध्यप्रदेश में हाेने जा रहा है। 28 सीटें भाजपा के सत्ता में बने रहने और कांग्रेस के सत्ता की वापसी की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही हैं। यह उपचुनाव बिहार विधानसभा के साथ हाे रहे हैं, ऐसे में निर्वाचन आयाेग काे एक ही समय में कई तरह की चुनाैतियाें से निपटना है। इन चुनावाें की व्यवस्थाएं बहुत व्यापक हाेंगी, क्याेंकि काेविड-19 काे देखते हुए चुनाव काे संक्रमण मुक्त रखकर सफल बनाना है।

काेराेना का भय ज्यादा है इसलिए कम मतदान हाेना संभावित है। यदि ऐसा हुआ ताे यह चुनाव परिणामाें काे प्रभावित कर सकता है। ऐसा न हाे, इसीलिए आयाेग ने आम चुनावाें की तुलना में इन चुनावाें की व्यवस्थाओं काे काफी विस्तृत रूप दिया है।

ऑनलाइन नामांकन : जैसे कि उम्मीदवार अपना नामांकन पर्चा ऑनलाइन भेज सकते हैं तथा प्रिंट आउट लेकर इसे जमा कर सकते हैं। नामांकन के समय केवल दो व्यक्ति साथ जा सकते हैं और अधिकतम दो वाहन ले जा सकते हैं। रिटर्निंग ऑफिसर के कायार्लय में सोशल डिस्टेंडिंग बनी रहे, इसलिए उम्मीदवाराें काे पर्चा दाखिल करने के लिए टाइम स्लाॅट दिया जाएगा। यानी उम्मीदवार दिन में कभी भी जाकर अपना पर्चा रिर्टनिंग ऑफिसर काे नहीं दे सकेंगे। उन्हें तय समय पर ही पहुंचना हाेगा।

सोशल डिस्टेंसिंग : मतदान केंद्र पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कुछ गोले 2 गज की दूरी पर होंगे और वोटर्स को टोकन भी दिए जाएंगे, ताकि लम्बी कतार न लगे। प्रतीक्षा करने के लिए पर्याप्त स्थान रखा जाएगा। तापमान माप कर ही सभी काे मतदान केंद्र में जाने दिया जाएगा। पोलिंग पार्टी के बैठने की व्यवस्था भी कोविड-19 के नार्म्स के अनुसार रहेगी। एक से अधिक मतदाता किसी भी पॉलिंग ऑफिसर की टेबल के सामने नहीं होगा।

दस्ताने-मास्क पहनकर करेंगे वोटिंग : ईवीएम का बटन दबाने के लिए मतदाता काे दस्ताने दिए जाएंगे। जाे मतदाता बिना मास्क यहां पहुंचेंगे, उन्हें मास्क पहनाना अनिवार्य है। अंदर जाते और बाहर आते समय हाथ सैनिटाइजर से साफ करने होंगे। जहां संभव हो, वहां मतदान केंद्र पर प्रतीक्षारत वोटर्स की जानकारी बूथ एप से ली जा सकेगी, ताकि बिना ज्यादा प्रतीक्षा के वोट डालने का समय पता किया जा सके।

मतदान अधिकारियों का थर्ड रेण्डमाइजेशन, जो मतदान सामग्री लेने के समय से 24 घंटे पहले होता था, अब 72 घंटे पहले कर दिया जाएगा और मतदान दलों को अलग-अलग समय एलॉट कर विकेंद्रीकृतरूप से मतदान सामग्री देकर मतदान केंद्र भेजा जाएगा।इस बार घर-घर प्रचार और चुनाव सभाओं के लिए प्रावधान काेविड-19 काे ध्यान में रखकर तय किए गए हैं।

रैली में पांच से ज्यादा लोग नहीं : उम्मीदवार सहित पांच व्यक्ति ही घर-घर प्रचार काे जा सकेंगे। रैली में वाहन पांच से ज्यादा हैं ताे उन्हें पांच ग्रुप में बांटकर आधे घंटे का अंतर रखकर रवाना किया जाएगा। वर्चुअल रैली/सभी की जा सकती है। चुनाव आयोग सामान्यत: सोशल मीडिया या वर्चुअल रैली की मॉनीटिरिंग नहीं करता और किसी भी प्रकार के नियम विरुद्ध आचरण पर केवल शिकायत आने पर ही कार्रवाई करता है। अत: पर्सनल वाट्सएप मैसेज और आरोप-प्रत्यारोप की मॉनीटरिंग नहीं होगी, वरन शिकायत आने पर जो मेटेरियल शिकायत के साथ दिया जाएगा, उसी पर कारण बताओ नोटिस देकर आगे कार्रवाई की जा सकेगी।

मतदान केन्द्र कम किए : हर मतदान केंद्र पर मतदाता 1200-1400 से कम कर 1000 किए गए हैं। इससे अधिक संख्या में मतदान कर्मी और सुरक्षा बल लगेंगे। ऐसे में यह विकल्प भी नहीं होगा कि चुन-चुन कर प्रभावी काम करने वाली टीम ही चुनाव में लगाई जाए। कई जिलों में तो बाहर से मतदान कर्मी पूर्ति के लिए बुलाने पड़ सकते हैं।

यह संपूर्ण प्रक्रिया एकदम नई है और इन्हीं के कारण यह चुनाव अपने पूर्ववर्ती चुनावाें से एकदम अलग हाेगा। इसलिए यह जरूरी है कि इन दिशा-निर्देशाें और चुनाव आयाेग के पुख्ता इंतजामाें की जानकारी हर मतदाता तक पहुंचाई जाए, ताकि काेराेना का भय मतदान के लिए उन्हें राेक न सके।

दुनिया के सामने मिसाल पेश करने का अवसर : सभी स्टेक होल्डर्स को यह अच्छी तरह समझना चाहिए कि चुनाव से अधिक महत्व हमारे देश और निर्वाचन आयोग की छवि, हमारे प्रजातंत्र में अटूट विश्वास और कोविड-19 का फैलाव रोकने में हमारी प्रतिबद्धता का है और सभी जिम्मेदार भारतीयों को अपना रोल निभाते हुए पूरे विश्व के सामने निवार्चन का ऐसा उदाहरण पेश करने का अवसर है, जब हम गर्व से सिर उठाकर कह सकें- जय हिन्द।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery