Saturday, 24th May 2025

बारिश ने बनाए और बिगाड़े कई साम्राज्य:अच्छे मानसून ने मौर्य साम्राज्य का विस्तार किया; जब कम बारिश हुई तो गुप्त वंश का पतन हुआ, इसी दौरान देश में अरबों-अफगानों के हमले भी हुए

Mon, Sep 28, 2020 5:27 PM

  • वैज्ञानिकों ने 3200 साल में मानसून पर क्लाइमेट इवेंट्स के असर का पता लगाया
 

वैज्ञानिकों ने हिमाचल की रिवालसर झील की तलहटी के नमूनों की जांच से 3200 सालों में मानसून के पैटर्न का पता लगाया है। जिन कालखंड में मौसम गर्म रहा, उस दौरान अच्छी बारिश हुई। ठंडक बढ़ने से मानसून कमजोर हुआ। इस स्टडी में 4 कालखंडों में मानसून की गणना की गई है। ये चार कालखंड रोमन वार्म पीरियड, मिडिवल क्लाइमेट एनाबेली और लिटिल आइस पीरियड और करेंट वार्म पीरियड है।

मानसून का अर्थव्यवस्था और व्यापारिक गतिविधियों से सीधा संबंध

  • मानसून का अर्थव्यवस्था, साम्राज्यों और व्यापारिक गतिविधियों के विस्तार में सीधा संबंध रहा हैै। रोमन वार्म पीरियड के दौरान मानसून अच्छा रहा। उस वक्त भारत में मौर्य वंश (323 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व) था। कृषि का विस्तार हुआ। कस्बे और शहर बने। व्यापारिक केंद्र विकसित हुए। कारोबार का विस्तार यूरोप, मेसोपोटामिया, मिस्र और अफ्रीकी तटों तक पहुंचा। इसे स्वर्णिम युग कहा जाता है।
  • 450 से 950 ईस्वी में कमजोर मानसून रहा। इस दौरान गुप्त वंश का पतन हुआ। 1400 से 1600 के बीच मानसून 3200 वर्षों में सबसे कमजोर रहा, तब भारतीय महाद्वीप में यूरोपीय यात्री पहुंचे। अरब और अफगानियों के हमले हुए और मुगल साम्राज्य के बाद ब्रिटिश साम्राज्य आया।

ऐसे पता लगाया- कब-कितनी बारिश हुई

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, रोमन वार्म पीरियड में (1200 ईसा पूर्व से लेकर 450 ईसवी) मानसून अच्छा रहा। 450 ईसवी से 950 ईसवी तक कम बारिश और सूखे का लंबा दौर चला। मिडिवल क्लाइमेट एनाबेली (950 से 1350 ईस्वी तक) में मानसून अच्छा रहा। लेकिन 1350 से 1600 ईसवी तक यानी लिटिल आइस पीरियड में फिर कमजोर पड़ा। इसके बाद करेंट वार्म पीरियड में मानसून सामान्य रहा।

करेंट वार्म पीरियड में एक्स्ट्रीम इवेंट की घटनाएं बढ़ जाएंगी। रिसर्च के मुख्य लेखक प्रो. अनिल कुमार गुप्ता बताते हैं कि इस स्टडी के लिए झील के बीचों-बीच जहां पानी की गहराई 6.5 मीटर थी, वहां सेपिस्टन की मदद से 15 मीटर मोटी सतह का नमूना लिया गया। 14 नमूनों की रेडियोकार्बन डेट्स 200 से लेकर 2950 वर्ष पूर्व की तय की। नमूनों के ऑर्गेनिक कार्बन, नाइट्रोजन और कार्बन आइसोटोप्स रेश्यो के वैल्यू की गणना से पता लगाया कि कब कितनी बारिश हुई।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery