पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति की ओर से शुक्रवार को उपाध्याय की जयंती पर वर्चुअल समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हम आज कांग्रेसमुक्त भारत की बात कर रहे हैं। इसकी कल्पना 1960—65 में उपाध्याय ने रख दी थी और पीएम मोदी के नेतृत्व भारत कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ा है।
नड्डा ने कहा कि उपाध्याय पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने दो मुख्य विषय रखे। जिसमें कश्मीर में अलग विधान का विरोध किया था। इसके बाद श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन किया। आज खुशी है कि हम कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर पाए। हिंदु भाइयों की धार्मिक प्रताड़ना का भी उपाध्याय ने उल्लेख किया, जिसमे नागरिकता कानून के जरिए हमने खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
नड्डा ने कहा कि उपाध्याय ने हमेशा मजबूत कार्यकर्ता पर जोर दिया। उनका कहना था कि कार्यकर्ता वो होना चाहिए जो सबको सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। जो अपने विरोधी को अपना वोटर बनाने की क्षमता रखता हो। संबोधन में सबसे पहले नड्डा ने राजस्थान की धरती को नमन किया और कहा कि यह धरती रंगों की धरती, मीरा की भक्ति की धरती है।
जिस धरती पर उपाध्याय का बचपन बीता उस पुण्य भूमि को नमन करता हूं। धानक्या में सीमित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दाैरान समिति शोध केंद्र की स्थापना करना चाहती है। ताकि युवा उन्हें पढ़ें। सतीश पूनियां ने धानक्या में बने स्मारक की रूपरेखा रखी।
राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश ने कहा कि कई लोग दीनदयाल के विचारों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हैं। जो बात उपाध्याय ने 1965 में कहीं उसे कुछ लोग जो अपने आपको प्रगतिशील मानते है, वो आज इरीलिवेंट बताते हैं। लेकिन आज जब पूरा विश्व कोविड से गुजर रहा है। तब भारत ने जो इस संक्रमण से लड़ाई लड़ी है, उसकी तरफ विश्व की नजरें हैं।
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