कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है। इसका असर अब नौकरियों पर भी दिखने लगा है। रोजगार के नए अवसर घटे हैं। इस वजह से कंपनियां प्लेसमेंट के लिए प्रोफेशनल इंस्टिट्यूट में नहीं आ रही हैं और जो आ भी रही हैं वे कम स्टूडेंट्स को ही मौका दे रही हैं। ट्रिपलआईटी के अमित अग्रवाल ने बताया कि इंस्टिट्यूट में पिछले साल सितंबर-अक्टूबर तक 50 प्रतिशत तक प्लेसमेंट हो चुके थे, लेकिन अभी इस साल केवल 25 प्रतिशत ही हुआ है। पिछले साल जो स्टूडेंट्स प्लेसड हुए थे उनमें से ज्यादातर की ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है। एनआईटी के मनोज चोपकर ने बताया कि इस साल अभी तक बहुत कम प्लेसमेंट हुए हैं। पिछले साल इस समय तक लगभग 300 स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट हो चुके थे। लेकिन इस बार यह संख्या 100 भी नहीं पहुंच पाई है। कंपनी 10 से 15 स्टूडेंट्स को नौकरी देती थी वो 1 या 2 का ही चयन कर रही है। कई कंपनियां तो आ ही नहीं रही हैं।
ऑनलाइन कॉम्पिटीशन पर ध्यान दें स्टूडेंट्स
ट्रिपलआईटी के अमित अग्रवाल ने बताया कि अभी के समय में स्टूडेंट्स को ऑनलाइन कॉम्पिटीशन की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि बहुत सारी कंपनियां ऑनलाइन कॉम्पिटिशन के जरिए ही प्लेसमेंट दे रही हैं। इसके अलावा अपने सॉफ्ट स्किल और पर्सनालिटी पर काम करें। ऑनलाइन इंटर्नशिप करें और किसी भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को स्ट्रांग करें। प्लेसमेंट में लगभग 60 से 70 प्रतिशत स्टूडेंट्स बैठते हैं। बाकी स्टूडेंट्स फॉरेन एजुकेशन, स्टार्टअप जैसे अन्य कारणों से प्लेसमेंट में भाग नहीं लेते। एनआईटी में 600, आईआईएम में लगभग 200 और ट्रिपलआईटी में 60 से 70 स्टूडेंट्स प्लेसमेंट में बैठते हैं।
इन कारणों से प्लेसमेंट कम
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