जेएएच परिसर में स्थित जिस कमलाराजा अस्पताल में एक दिन पहले 17 प्रसूताएं काेराेना संक्रमित मिलीं, वहां गुरुवार काे एक ही पलंग पर मां-नवजात के साथ दाे महिलाओँ का यह दृश्य अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही काे बयां करने के लिए काफी है। दरअसल, जिन वार्डों में प्रसूताएं भर्ती हैं, वहां न सिर्फ परिजन डेरा जमाए बैठे रहते हैं बल्कि अस्पताल की गैलरी में भी लोगों की भरमार है। यही नहीं गार्डन व वार्ड के अंदर से लेकर अस्पताल के बाहर तक यहां लोगों का जमावड़ा मिला। इनमें कई ऐसे भी थे जिनके पास मुंह को ढंकने के लिए रूमाल तक नहीं था। एक ही मरीज से मिलने के परिवार के दो से लेकर तीन-तीन लोग प्रवेश कर रहे थे।
अब होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा: जीआरएमसी के डीन डाॅ. एसएन अयंगर ने बताया कि केआरएच को लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से चर्चा हुई। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाएगा। बिना मास्क व पास के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
प्रसूताओं की सुरक्षा का सवाल...जेएएच के दाे जिम्मेदार दिखे असहाय
हाथों को सेनिटाइज किए बिना वार्ड में पहुंच रहे लोग, ऐसे तो स्टाफ भी चपेट में आ जाएगा
6 सितंबर को गायनिक विभाग की पीजी छात्रा पॉजिटिव आई थी। इसके बाद तीन दिन पहले एक असिस्टेंट प्रोफेसर व उनके पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके अलावा पिछले 15 दिनों में कोई भी स्टाफ का व्यक्ति संक्रमण की चपेट में नहीं आया। अभी तक हमारा स्टाफ सुरक्षित है। लेकिन हमें कई डाॅक्टरों ने बताया है कि जब वे वार्ड में राउंड पर जाते हैं तो मरीज के साथ बड़ी संख्या में अटेंडेंट पलंग के दोनों ओर खड़े रहते हैं। मना करने के बाद भी नहीं मानते। इन लोगों से ही प्रसूताओं का सबसे ज्यादा खतरा रहता है, क्योंकि ये लोग बाहर से आते हैं। हाथों को सेनिटाइज नहीं करते और अस्पताल में प्रवेश करने के बाद मास्क भी हटा देते हैं। यदि आगे भी ऐसे हालात रहे तो हमारे स्टाफ पर संक्रमित होने का खतरा और बढ़ जाएगा।
एक ही पास से दो से तीन लोग वार्ड में चले जाते हैं, अब बिना मास्क के प्रवेश नहीं देंगे
जिन 17 प्रसूताओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती हुए मात्र एक दिन ही हुआ था। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि प्रसूताएं अस्पातल में आने के बाद संक्रमित हुई हैं। हां, जिस तरीके से एक ही दिन में इतनी प्रसूताएं संक्रमित मिली हैं, उसके बाद यह कहा जा सकता है कि शहर में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति हो गई है। परिजनों को जो पास दिया जाता है, ऊपर पहुंचकर वह पास नीचे खड़े अन्य परिजन को भेज देते हैं। इस तरह एक ही पास से दो से तीन लोग अंदर प्रवेश कर जाते हैं। इस व्यवस्था में भी जल्द सुधार किया जाएगा। रही बात जांच की ताे थर्मल गन से स्क्रीनिंग के लाभ बहुत सीमित हैं। हमने नियम बनाया है कि जो मास्क नहीं पहनेगा, उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
जो प्रसूताएं संक्रमित हुईं, उनकी शिफ्टिंग में आई दिक्कत लेकिन अब सब ठीक...
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