कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन ने इस वक्त तकरीबन हर व्यक्ति को किसी न किसी तरह से आर्थिक चोट पहुंचाई है, लेकिन ठीक ऐसे समय में ट्रैफिक पुलिस घरों में फरवरी-मार्च के ट्रैफिक उल्लंघन का ई-चालान भेज रही है, वह भी 2 से 6 हजार रुपए तक का। ऐसे चालान ने कई लोगों के घरों का बजट भी बिगाड़ दिया है, क्योंकि पुलिस इसमें रकम से किसी तरह का समझौता नहीं कर रही है। यहां तक कि कई चालान तो ऐसे भी भेजे गए हैं, जिनमें सुबह ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने का उल्लेख है, जबकि तब ट्रैफिक सिग्नल भी चालू नहीं होते हैं। लगातार शिकायतों के बाद दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो कई मामले सामने आए। जैसे, स्टेशन रोड के एक युवक को 16 मार्च का चालान अभी भेजा गया। चालान में जिक्र था कि वह अनुपम गार्डन के पास रांग साइड चल रहा था। उस पर 2 हजार का जुर्माना लगा है। इसी तरह, समता कॉलोनी के एक छात्र को फरवरी और मार्च के दो चालान मिले हैं। दोनों 2-2 हजार रुपए के हैं। चालान इसलिए भेजा गया कि वह नालंदा परिसर से रांग साइड निकला था। छात्र वहां रोज पढ़ने जाता है। इसी तरह, भनपुरी के एक ऑटो वाले को 4 हजार का चालान भेजा गया है।
8 माह में 14 हजार का चालान : जनवरी से अगस्त तक 8 महीने में आईटीएमएस के तहत शहर में लगे कैमरे की मदद से पुलिस ने 14,256 लोगों का ई-चालान किया है। इसमें अधिकांश ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाले, तीन सवारी, बिना हेलमेट और स्टॉप लाइन में खड़े होने वाले शामिल हैं। इसमें से सिर्फ 4204 लोगों ने ही चालान जमा किया, बाकी 10 हजार ने अदा नहीं किया। ट्रैफिक अफसरों के मुताबिक कोरोना और लॉकडाउन के कारण चालान भेजे नहीं जा सके थे। इसलिए चालान अभी भेजे जा रहे हैं।
पिछले साल का चालान भेजा
ट्रैफिक पुलिए पिछले साल नवंबर-दिसंबर का चालान भी अभी भेज रही है। ऐसे चालान की संख्या एक हजार से ज्यादा है। लॉकडाउन के पहले 3 महीने में 3434 लोगों के घर ई-चालान भेजा गया था। इनमें से एक हजार लोगों ने चालान जमा किया है, जिनसे 4.13 लाख रुपए जुर्माना वसूला गया है। जबकि ढाई हजार लोगों ने ई-चालान जमा नहीं किया है।
"महीनों पुराना ई-चालान भेजने से लोग परेशान हैं। बड़ा जुर्माना लगाया गया है। लोगों को कैसे राहत दी जाए, इस संबंध में गृहमंत्री से चर्चा की जाएगी।"
-विकास उपाध्याय, संसदीय सचिव गृह विभाग
"प्रूफ के साथ ट्रैफिक उल्लंघन पर भी चालान भेज रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया जाएगा कि लोगों को चालान जमा करने के लिए समय दिया जाए।"
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