Monday, 26th May 2025

हरदा में कांग्रेस नेताओं का विरोध:खुदकुशी करने वाले किसान के परिजन से मिलने पहुंचे अरुण यादव और जीतू पटवारी काे वापस लौटना पड़ा; नाराज लोगों से बचाकर निकाला गया

Tue, Sep 22, 2020 8:30 PM

  • बताया जाता है कि भाजपा युवा मोर्चे ने विरोध किया था
  • किसान की कर्जमाफी को लेकर नाराजगी जताई गई
 

हरदा के अतरसमा गांव में खुदकुशी करने वाले किसान लक्ष्मीनारायण के परिजन से मिलने पहुंचे कांग्रेसी नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों की नाराजगी के बीच सुरक्षाकर्मी पूर्व सांसद अरुण यादव, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और विधायक कुणाल चौधरी को बाहर निकाल ले गए। वे सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचे थे। बताया जाता है कि इसी दौरान भाजपा युवा मोर्चा के कुछ लोगों ने उन पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए विरोध किया।

हरदा में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी लोगों के बीच।
हरदा में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी लोगों के बीच।
किसान के घर पहुंचे कांग्रेस नेताओं का विरोध करते लोग।
किसान के घर पहुंचे कांग्रेस नेताओं का विरोध करते लोग।

हकीकत जानने पहुंचे थे, लोग उग्र हुए तो सुरक्षाकर्मियों ने सुरक्षित निकाला
किसान की खुदकुशी और उसे बीमा की राशि नहीं मिलने के मामले में हकीकत जानने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक टीम बनाई थी। इसमें शामिल पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक कुणाल चौधरी और पूर्व विधायक आरके दोगने समेत अन्य कांग्रेसी शामिल थे। वे यहां किसान के ससुर से मिले और उनसे चर्चा की। किसान पर कर्ज और उन्हें मिले बीमा के बारे में जानकारी ली। इसी दौरान लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। कुछ तो उग्र हो गए और झूमाझटकी तक की नौबत आ गई थी। ऐसे में लोगों को उग्र होता देख सभी नेता वहां से रवाना हो गए। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह उन्हें बचाते हुए वहां से निकाला।

पूर्व सांसद अरुण यादव परिजनों से मिलने पहुंचे।
पूर्व सांसद अरुण यादव परिजनों से मिलने पहुंचे।

अरुण यादव के आरोप- किसानों का अपमान कर रहे मुख्यमंत्री
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने आरोप लगाया कि खुद को किसान हितैषी बताने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री दो-चार रुपए बीमा दिला कर अन्नदाता का अपमान कर रहे हैं। हम यहां पर इसी की हकीकत जानने आए थे। हम सच सामने लाकर रहेंगे। लोगों को असलियत बताना जरूरी है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना था कि सीएम और कृषि मंत्री भाषणों में ही किसानों के प्रति चिंता जताते हैं, यदि उन्हें किसानों की इतनी ही चिंता है तो सरकार खुद 3 नए अध्यादेशों का विरोध क्यों नहीं करती। हालांकि किसी ने विरोध किए जाने को लेकर कुछ नहीं कहा। इस मामले पर वे बचते नजर आए।

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