Sunday, 25th May 2025

पर्यावरण बचाने की सार्थक पहल:हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में शुरू हुआ स्वच्छता कैफे, यहां पॉलिथिन के बदले मिलती है खाने की नॉर्मल, डीलक्स और सुपर थाली

Fri, Sep 18, 2020 6:17 PM

  • एक किलो सिंगल यूज प्लास्टिक 75 रुपए में लिया जाता है, खाना घर के लिए भी ले जा सकते हैं
  • पैसे ज्यादा बने तो जमा रहेंगे, आप अगली बार खाना खा सकते हैं
 

एक किलो सिंगल यूज प्लास्टिक लाओ और घर जैसा खाना भरपेट खाओ। प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने के उद्देश्य से जिला सोलन के उपमंडल नालागढ़ की ग्राम पंचायत रडियाली में खोला गया है स्वच्छता कैफे। इस सकारात्मक पहल को शुरू किया है ग्रामीण विकास विभाग ने।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर मुख्मयंत्री जयराम ठाकुर ने इस कैफे का उद्घाटन ऑनलाइन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर मुख्मयंत्री जयराम ठाकुर ने इस कैफे का उद्घाटन ऑनलाइन किया।

बीडीओ नालागढ़ विश्व मोहन देव चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस कैफे का उद्घाटन ऑनलाइन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन के लिए सरकार ने बायबैक पॉलिसी आरंभ की है। इसके तहत लोग प्लास्टिक के बदले खाना या अन्य खाद्य पदार्थ ले सकते हैं।

कैसे तय होगा प्लास्टिक के बदले कितना भोजन मिलेगा

कोई व्यक्ति जब प्लास्टिक लेकर स्वच्छता कैफे जाएगा तो इसका वजन तोला जाएगा। एक किलो प्लास्टिक 75 रुपए के हिसाब से सारे सामान का मूल्य तय किया जाएगा। मान लें कि व्यक्ति चार किलो प्लास्टिक लेकर गया हो तो 75X4 =300 रुपए बने। इससे कोई भी थाली आप ले सकते हो, बची राशि से आप घर के लिए भी खाना लेकर जा सकते हो या अगली बार खा सकते हो।

तीन तरह की थालियों में मिलेगा भोजन

नाॅर्मल थाली- 80 रुपए की थाली में सरसों का साग, मक्की की रोटी, लस्सी व खीर मिलेगी।

डीलक्स थाली- 120 रुपए में साग, मक्के की रोटी, मिक्स सब्जी, स्वीट डिश।

सुपर थाली- 180 रुपए में पनीर, सब्जी, रोटी, दाल व अन्य व्यंजन ।

कैफे के भवन में ही ‘हिम ईरा’ दुकान भी खोली

स्वच्छता कैफे के परिसर में ही ‘हिम ईरा’ दुकान भी खोली गई है, जिसमें विभिन्न समूहों द्वारा तैयार उत्पाद व औषधीय पौधों, गिलोय, पुदीना, नीम की पत्तियों का पाउडर, खजूर के पौधों केे झाड़ू, टोकरियां एवं घर की गेहूं से बना सीरा, दालें, मसाले, सब्जियां आदि उचित मूल्यों पर बेची जाएंगी। इसके माध्यम से क्षेत्र की गरीब महिलाओं को आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे।

बंद पड़े भवन को मेहनत से तैयार कर इस्तेमाल किया

विलेज हाट योजना के तहत इस भवन का निर्माण किया गया था। जहां ग्रामीण अपने उत्पादों को बेच सकते है। पिछले कई सालों से भवन बंद पड़ा हुआ था, लेकिन अब विकास खंड नालागढ़ व ग्रामीण महिलाओं की मेहनत से तैयार करते हुए बेहतरीन इस्तेमाल में लाया गया है।

महिलाओं को बड़े होटलों के शेफ से दिलाई ट्रेनिंग

नालागढ़ में स्वच्छता कैफे का संचालन लक्ष्मी एवं दुर्गा महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण महिलाओं को पहले निजी होटलों के बड़े शेफ से ट्रेनिंग करवाई गई है, ताकि लोगों को स्वादिष्ट व्यंजनों मिल सकें।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery