Monday, 26th May 2025

उद्योग और परिवहन में आत्मनिर्भर इंदौर:इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से 20 हजार को रोजगार फोर लेयर फ्लायओवर से बायपास को मिलेगी स्पीड

Thu, Sep 17, 2020 5:21 PM

  • लैंड पूल से जमीन लेकर क्लस्टर आधार पर होगा विकास, 600 हेक्टेयर जमीन चिह्नित, हाईवे के दोनों तरफ 10 किमी में स्थापित होंगे उद्योग
  • एमआर-10 जंक्शन से करनावद का नया रास्ता मिलेगा
 

आत्मनिर्भर मप्र और इंदौर के लिए प्रस्तावित इंदौर-भोपाल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बैकबोन साबित होगा। इंदौर-भोपाल रोड के दोनों ओर 10 से 20 किमी दूर तक की सरकारी जमीन को कोर पॉइंट बनाकर उसके आसपास की जमीन किसानों से आम सहमति से लैंडपूल नीति के तहत लेकर उद्योगपतियों को आवंटित की जाएगी।

सरकार ने अब तक 600 हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर ली है। इस जमीन पर होने वाले निवेश और लगने वाले प्लांट से ही 15 से 20 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। सरकार अक्टूबर से इस पर काम तेज करेगी। चिह्नित जमीनों पर अगले साल लैंड पूल स्कीम लागू कर उद्योगपतियों को आवंिटत करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डेढ़ घंटे की दूरी पर एयरपोर्ट
उद्योग विभाग के पीएस संजय शुक्ला ने बताया कॉरिडोर के दोनों तरफ इंदौर व भोपाल में एयरपाेर्ट हैं। यहां कहीं भी उद्योगपति जमीन लेगा तो दोनों में से किसी भी एयरपोर्ट की दूरी डेढ़ घंटे से अधिक नहीं होगी। इंडस्ट्री में आसपास से काम करने वाले आएंगे और बसेंगे, इसके लिए इस कॉरिडोर पर स्थित सीहोर, आष्टा, देवास, सोनकच्छ में और सुविधाएं बढ़ेंगी।
आगे : इंदौर-भोपाल के बाद शासन की मंशा भोपाल-बीना-झांसी, भोपाल-सतना जैसे कॉरिडोर भी विकसित करने की है।

बायपास एमआर-10 जंक्शन पर बनेगा प्रदेश का पहला फोर लेयर फ्लायओवर

फ्लायओवर का मॉडल
फ्लायओवर का मॉडल

(विश्वनाथ सिंह) बायपास पर एमआर-10 जंक्शन पर प्रदेश का पहला फोर लेयर फ्लायओवर आकार लेगा। लगभग 3600 मीटर तक चारों दिशाओं में बनाए जाने वाले इस फ्लायओवर की लागत 300 करोड़ है। इंदौर के मास्टर प्लान में बेस्ट प्राइस के सामने से करनावद के लिए जाने वाली सड़क का उल्लेख है। उसी सड़क को इस फ्लायओवर के साथ तैयार कर दिया जाएगा। इससे इंदौर से करनावद की सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी। प्रोजेक्ट की डिजिटल डिजाइन तैयार है और फाइनल अप्रूवल के लिए प्रोजेक्ट दिल्ली स्थित विभाग के मुख्यालय भेजा है।

ऐसी होंगी चारों भुजाए

  • अंडरग्राउंड : इंदौर-करनावद फोर लेन
  • ग्राउंड फ्लोर : मुंबई-देवास सिक्स लेन
  • फर्स्ट फ्लोर : देवास से इंदौर और मुंबई से करनावद फोर लेन
  • सेकंड फ्लाेर : इंदौर से मुंबई और करनावद से देवास फोर लेन

प्रशासन के साथ जमीन हस्तांतरित किए जाने को लेकर बातचीत चल रही है। बाकी के निर्देशन के लिए दिल्ली मुख्यालय को प्रोजेक्ट फाइनल अप्रूवल के लिए भेज देंगे। मनीष असाटी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई इंदौर

5 जी कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर से बनेंगे आत्मनिर्भर

सिद्धार्थ सेठी,एमडी, इंफोबिन्स
सिद्धार्थ सेठी,एमडी, इंफोबिन्स

भारत के टियर 2 शहरों में कौन सा शहर सबसे अच्छा हो सकता है, इस खोज का मार्ग हर बार इंदौर ने प्रशस्त किया है। शहर का आकार ही नहीं, एटिट्यूड भी मायने रखता है। सबसे स्वच्छ शहर होने से लेकर देश में व्यापार के लिए सबसे मुफीद शहरों में से एक इंदौर, आत्मनिर्भरता के कॉन्सेप्ट को प्रदर्शित करने की अद्वितीय स्थिति में है।

“आत्मनिर्भर’ का मतलब दुनिया के बाकी हिस्सों से कटना नहीं, दुनिया के लिए अधिक खुलना है। इंदौर अपनी अर्थव्यवस्था बना सकता है। इस शहर ने हमेशा से ऐसा किया है, खेती से शुरू करने के बाद सूती मिल, कपड़ा और व्यापार से। स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के लिए हम पहले से ही एक केंद्र हैं। हम आईटी, फूड प्रोसेसिंग और फूड टूरिज्म में भी बेहतर तरीके से उभर रहे हैं।

पूरे शहर में गीगाबाइट और 5 जी कनेक्टिविटी, अगली पीढ़ी के उद्यमियों को व्यवसाय के नए कीर्तिमान गढ़ने में सहायता करेगी। आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें अपने पास उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग करना होगा। संसाधनों की उपलब्धता के मामले में भारत के सबसे धन्य शहरों में से एक हैं। हमारे पास पर्याप्त भूमि, बेहतर मौसम और अद्भुत मानव संसाधन हैं। भोजन, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए हमें दूसरों की ओर देखने की अपेक्षा मौजूद चीजों का उपयोग करना चाहिए।

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