प्रदेश के भिलाई, रिसाली, बीरगांव आदि नगर निगमों व नगरपालिकाओं तथा नगर पंचायतों में दिसबंर में होने वाले निकाय चुनाव टल सकते हैं। दरअसल की इसकी वजह वोटर लिस्ट है। कोरोना की वजह से कई जिलों में मतदाता सूची बनाने, पुनरीक्षण व दावे आपत्तियों के कामों में बड़ी परेशानी आ रही है। इस वजह से संकेत मिला है कि निकाय चुनाव आगे बढ़ सकते हैं। भास्कर ने 23 जुलाई को ही आशंका जता दी कि कोरोना से हालात बिगड़े तो निकाय चुनाव टल सकते हैं। फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग कोरोना और उससे बने हालात की समीक्षा कर रहा है। हालांकि इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। इसके बावजूद आयोग के सूत्रों के अनुसार कई जिलों के कलेक्टरों ने राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर रामसिंह से कोरोना संकट के चलते वोटरलिस्ट को लेकर आ रही दिक्कतों की रिपोर्ट दी है। मालूम हो कि चुनाव कराने का सबसे बड़ा आधार मतदाता सूची होती है। यदि यही नहीं बनी होगी तो चुनाव कराना संभव नहीं है। वोटरलिस्ट के पुनरीक्षण, नाम जोड़ने, दावे आपत्तियों के लिए स्कूलों में बूथ लेवल आफिसर यानी बीएलओ आयोग द्वारा जारी समय -सारिणी के अनुसार बैठ रहे हैं। स्कूलों को क्वारेंटाइन सेंटरों या हेल्थ शिविरों में बदला गया है। मतदाता सूची का काम करने वाले शिक्षक व अन्य स्टाफ भी कोरोना ड्यूटी में लगे हैं। किसी भी घोषणा के पहले मुख्य आयुक्त रामसिंह रायपुर, कोरिया, रायगढ़, रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, कांकेर, सुकमा तथा बीजापुर के कलेक्टरों से बात करेंगे। नगर निगम बीरगांव, भिलाई और रिसाली समेत कुछ नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों में भी चुनाव कराए जाने हैं। दिसंबर तक इन निकायों की डेट ड्यू है। दिसंबर में प्रेमनगर, सांरगढ़, खैरागढ़, शिवपुरचरचा समेत कई स्थानों पर भी चुनाव होने हैं।
चुनावी तैयारी पहले ही कोरोना व लॉक डाउन की वजह से करीब डेेढ़ महीने विलंब से प्रारंभ हो सकी है। प्रदेश में अब चौदह नगर निगम हो गए हैं। रिसाली नए नगर निगम के रूप में परिसीमन में उभरा है। रिसाली नगर निगम से पहले प्रदेश में रायपुर, बीरगांव, जगदलपुर, बिलासपुर, रायगढ़, दुर्ग, भिलाई, भिलाई-चरौदा, राजनांदगांव, अंबिकापुर, कोरबा, धमतरी, चिरमिरी नगर निगम हैं।
कब क्या होना था
आयोग ने राज्य के स्थानीय निकायों में उपनिर्वाचन के लिए फोटो वाली वोटर लिस्ट बनाने कहा था। नगर पालिकाओं के लिए 1 जनवरी 2020 की संदर्भ तारीख के आधार पर फोटो वोटरलिस्ट बनेगी। सभी प्रक्रियाओं के बाद निर्वाचक नामावली का प्रारंभिक प्रकाशन 9 सितम्बर को किया जाना था। प्रकाशन पश्चात मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निर्वाचक नामावली उपलब्ध कराई जानी थी। 18 सितम्बर तक दावा आपत्ति लिए जाने का समय था। 23 सितम्बर तक दावा आपत्ति का निराकरण किया जाना था। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 12 अक्टूबर को करने की तारीख तय की गई थी।
नियमों में है प्रावधान
निर्वाचन आयोग किसी परिस्थितिवश चुनाव न करा सके तो ड्यू डेट आगे भी चुनाव कराए जा सकते हैं। इसका नियमों में भी प्रावधान है। राज्य के पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी ने भी इसकी पुष्टि की। प्राकृतिक आपदा या लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बने तो चुनाव आगे बढ़ाए जा सकते हैं। चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार होना बहुत जरूरी है। इस बारे में कई राज्यों के कोर्ट के भी आदेश हैं। मालूम हो कि पहले आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र के निकायों के चुनाव भी सरकाए जा चुके हैं।
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