राजधानी समेत पूरे प्रदेश में केंद्र का आदर्श किराएदारी अधिनियम-2020 (एमटीए) अगले दो महीने में लागू होने का आसार है। पहली बार मकान मालिकों और किराएदारों के बीच लिखित अनुबंध के साथ ही किराया तय होने से लेकर हर बड़ी से छोटी जिम्मेदारी तक तय होगी। ये भी साफ रहेगा कि मकान या फ्लैट की पुताई कौन करवाएगा तो नल की टोटी से लेकर वॉश बेसिन और पंखे या खराब स्विच कौन बदलवाएगा।
इसके बाद भी मकान मालिक और किराएदार के बीच किसी भी तरह का विवाद होने पर किराया प्राधिकरण और किराया न्यायालय सुनवाई करेगा। केंद्र की मंशा है कि नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ अधिनियम को लागू किया जाए। वहीं प्रदेश में पहले शहरी क्षेत्र में अधिनियम लाया जाएगा। केंद्र की मंशा इसे अक्टूबर में ही लागू करने की है।
मकान मालिक का काम
किराएदार की जिम्मेदारी
झगड़ा खत्म करने की कवायद
देशभर में मकान मालिक व किराएदारों के आपसी झगड़ों को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार एमटीए लागू करने की तैयारी में है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मप्र समेत सभी राज्यों में किराएदारी अधिनियम वाली गाइडलाइन भेजने के साथ ही 1 अक्टूबर से पहले आम लोगों के आवश्यक सुझाव सार्वजनिक पोर्टल पर डालने के निर्देश दिए हैं। मप्र में नगरीय आवास एवं विकास विभाग के विभागीय पोर्टल पर इस मॉडल टेनेंसी एक्ट (एमटीए) पर सुझाव के लिए डाला जाएगा।
यह होगा अधिनियम में
मकसद...आसानी से किराए के मकान उपलब्ध हों
केंद्र सरकार ने हाउसिंग फॉर ऑल प्रोजेक्ट के तहत सभी राज्यों के लिए आदर्श किराएदारी अधिनियम को लागू करने के लिए गाइडलाइन तय की हुई है। इसका मकसद सभी तरह की आबादी को आसानी से किराए के मकानों की उपलब्धता हो। भोपाल में ही वर्तमान में ढाई लाख से ज्यादा किराएदार निवासरत है। प्रदेश में आकलन है कि 25 लाख से ज्यादा किराएदार होंगे। वहीं बड़ी संख्या में मकान मालिक और किराएदारों के विवाद कोर्ट में पेंडिंग है।
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