Thursday, 22nd May 2025

पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया के बाद इंग्लैंड भी तंगहाल:20% कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगा; कोरोना के कारण 950 करोड़ रु. का नुकसान, 2021 तक 1900 करोड़ का लॉस हो सकता है

Wed, Sep 16, 2020 4:36 PM

  • पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड 5 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुका, ऑस्ट्रेलिया ने 80% वर्कर्स को सेलरी नहीं दी
  • कोरोना के बीच इंग्लैंड ने पहली टेस्ट सीरीज वेस्टइंडीज और फिर पाकिस्तान के खिलाफ जुलाई में खेली थी
 

कोरोनावायरस महामारी के कारण पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बाद अब इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। बोर्ड ने अपने 20% यानि करीब 62 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर ली है। यह बात ईसीबी के सीईओ टॉम हैरिसन ने मंगलवार को जारी अपने बयान में कही है।

हैरिसन ने ईसीबी की वेबसाइट पर जारी किए बयान में कहा, ‘‘क्रिकेट को कोरोना के कारण अब तक 100 मिलियन पाउंड (करीब 950 करोड़ रुपए) का नुकसान हो चुका है। यदि यह महामारी 2021 समर तक चली तो 200 मिलियन पाउंड (करीब 1900 करोड़ रुपए) तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है।’’

पीसीबी गैरजरूरी कर्मचारियों को निकालेगा

इससे पहले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भी अपने 5 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुका है। साथ ही गैरजरूरी और अच्छा काम नहीं करने वाले वर्कर्स को निकालने की तैयारी कर रहा है।

सुपरमार्केट में कर्मचारियों के लिए नौकरी तलाश रहा था ऑस्ट्रेलिया बोर्ड
वहीं, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने मई में कुछ कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। साथ ही 80% कर्मचारियों को अगस्त तक सिर्फ 20% वेतन देने की बात कही थी। सीए ने अपने कुछ कर्मचारियों के लिए सुपरमार्केट में तीन महीने के लिए अस्थायी नौकरी भी तलाशी थी। यह बात खुद बोर्ड के मुख्य कार्यकारी केविन रॉबर्ट ने एक रेडियो शो में कही थी।

इंग्लैंड बोर्ड को खर्चों में कमी करने की जरूरत
हैरिसन ने कहा, ‘‘हाल ही में हमने ईसीबी के स्ट्रक्चर और बजट की समीक्षा की थी। इस दौरान हमें खर्चे कम करने की जरूरत को महसूस किया। हमारे साथ काम कर रहे लोगों से भी इसको मंजूरी मिल चुकी है। बचत के लिए किए जाने वाले इन बदवालों से ईसीबी का हर एक हिस्सा प्रभावित होने वाला है।’’

प्रभावित लोगों की मदद की जाएगी
ईसीबी सीईओ ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव में 20% कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की बात भी है, जिसे मंजूरी मिल चुकी है। यानि अब करीब 62 लोगों को निकाला जा सकता है। साथ ही बचत के लिए कुछ पदों में बदलाव भी किया जाएगा। इस दौरान कुछ छोटी संख्या में भर्ती भी हो सकती है। साथ ही इस प्रस्ताव से जो हमारे साथी प्रभावित होंगे, हम उनकी मदद भी करेंगे।’’

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