Monday, 26th May 2025

वायरस चट कर रहा बजट:350 करोड़ खर्च; फिर भी संक्रमण बेकाबू, 81000 केस; एक मरीज के इलाज और स्वास्थ्य सुविधाओं पर 43 से 45 हजार रुपए खर्च

Fri, Sep 11, 2020 3:04 PM

  • सरकारी आशंका- अक्टूबर अंत तक कुल खर्च बढ़कर 450 करोड़ रु. तक पहुंच सकता है, क्योंकि संक्रमण दोगुना हो जाएगा
  • केंद्र ने 185 करोड़ दिए तो मप्र के 165 करोड़ लगे; 100 करोड़ के उपकरण खरीदे
  • प्रदेश में 5 माह 17 दिन में कोरोना पर सरकारी व्यय का लेखा-जोखा
 

कोरोना इंसानों की जिंदगी के साथ ही प्रदेश का बजट भी लील रहा है। 24 मार्च से अब तक यानी 5 माह 17 दिन में सरकार कोरोना के इलाज और इंतजामों पर 350 करोड़ रु. खर्च कर चुकी है। इसमें भी 125 करोड़ रु. सिर्फ कोरोना की जांचों पर खर्च हुए। फिर भी संक्रमण बेकाबू है। गुरुवार को प्रदेश में रिकॉर्ड 2187 नए केस मिले। कुल संक्रमित 81 हजार के पार (81379) पहुंच गए।

यदि कुल खर्च को कुल मरीजों के लिहाज से देखें तो सरकार अब तक हर मरीज पर अनुमानित 43 से 45 हजार रु. खर्च कर चुकी है। यह सिर्फ सरकारी खर्च है, इसमें होम आइसोलेशन के मरीजों का खर्च शामिल नहीं है, क्योंकि ये मरीज घर में रहते हैं। सरकार का अनुमान है कि अक्टूबर तक संक्रमण दोगुना हो जाएगा। ऐसे में कुल खर्च भी 450 करोड़ तक पहुंच सकता है।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि अभी 150 करोड़ रु. रखे हैं। जरूरत पड़ी तो व्यवस्था हो जाएगी। सूत्रों की मानें तो सरकार ने हाल ही में एक हजार करोड़ का कर्ज लिया है। केंद्र से इस साल जीएसटी की क्षतिपूर्ति का पैसा भी करीब 10-11 हजार करोड़ रु. कम आने की संभावना है। ऐसे में मुश्किल बढ़ सकती है।

कोबास 8800 मशीन नहीं आएगी
अमेरिका के कैलीफोर्निया से आने वाली ‘कोबास-8800’ मशीन अब नहीं आएगी। इसे सितंबर के पहले पखवाड़े में आना था। आठ करोड़ रुपए की लागत वाली यह मशीन मप्र आती तो एक बार में 3500 टेस्ट हो जाते। इसे इंदौर में स्थापित करने का प्रस्ताव था। बताया जा रहा है कि अब चूंकि सारे टेस्ट फीवर क्लीनिक में ही होने हैं तो यह संख्या अब नहीं बढ़ेगी।

आयुष्मान के तहत अस्पतालों को 25 करोड़ मिले

 

125 करोड़ रुपए के कोरोना टेस्ट हो चुके
केंद्र की ओर से मप्र को 185 करोड़ रुपए कोविड के लिए मिले हैं। मप्र ने 165 करोड़ रुपए लगाए हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 350 करोड़ रु. में से 125 करोड़ रु. तो मरीजों के सैंपल की जांच व किट में खर्च हुए हैं।

(नोट : सरकारी हिसाब में स्थानीय प्रशासन का खर्च, स्टाफ खर्च जैसे- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नगर निगम कर्मचारी, सैनिटाइजेशन, पुलिस स्टाफ का खर्च, खाना आदि का जिक्र नहीं है। ये खर्च विभागों ने अपने स्तर पर या फिर सीएसआर से डोनेशन लेकर जुटाया है। )

सैनिटाइजर खरीदने में लग गए साढ़े पांच करोड़

 

भोपाल... 206 नए मरीज, इनमें 25 होशंगाबाद रोड और 20 कोलार रोड की कॉलोनियों के
राजधानी में 206 नए केस मिले। जबकि पांच मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 मरीज भोपाल के थे। कुल मरीज अब 13550 हो गए हैं। नए संक्रमितों में सर्वाधिक 25 मरीज होशंगाबाद रोड और 20 मरीज कोलार रोड की कॉलोनियों के रहने वाले हैं।

इंदौर बेहाल... लगातार दूसरे दिन 300 से ज्यादा केस, प्रदेश में संक्रमण दर 9.2% हुई
इंदौर में गुरुवार को 326 नए केस मिले। छह की मौत हाे गई। कुल मरीज 16090 हो गए हैं। बुधवार को भी 315 केस मिले थे। वहीं, प्रदेश में सात दिन में 12 हजार 793 संक्रमित बढ़े हैं। संक्रमण की दर 8.7 से बढ़कर 9.2% हो गई है।

58वें जन्मदिन के 2 दिन बाद कोरोना से हारे आईटी के प्रिंसिपल डायरेक्टर जौहरी
आयकर विभाग के भोपाल जोन (मप्र-छग) के प्रिसिंपल डायरेक्टर (इन्वेस्टिगेशन) आलोक जौहरी कोराना की कोरोना से रायपुर में मौत हो गई। वे यहीं पदस्थ थे। वे 5 सितंबर से वेंटिलेटर पर थे। 8 सितंबर को उनका 58 वां जन्मदिन था।

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