देश के सरकारी महकमों को पीछे छोड़ते हुए रेलवे जल्द 100 फीसदी कैशलेस वाला विभाग बन जाएगा। लॉकडाउन में डिजिटल पेमेंट के ग्राफ में इजाफे को देखते हुए रेलवे ने भी तैयारी शुरू कर दी है। नोट से लेन-देन की बजाय अब पार्सल बुक कराना हो या पार्किंग में गाड़ी खड़ी करना हो सभी डिजिटल पेमेंट की सुविधा होगी। ट्रेनों में चलने वाला टिकट चेकिंग स्टाफ भी ऑनलाइन जुर्माना वसूल सकेगा।
रेलवे बोर्ड की गाइडलाइन मिलने के बाद रतलाम सहित भारतीय रेलवे के सभी 17 जोन के 73 मंडलों ने तैयारी शुरू कर दी है। रतलाम मंडल ने यूटीएस, यूसीपी, पीआरएस, गुड्स शेड, पार्सल ऑफिस और पार्किंग लोकेशन पर पीओएस मशीन लगाई जा चुकी है। अभी रेलवे में तमाम छोटे-बड़े कार्यों के टेंडर और कर्मचारियों का वेतन व अन्य भुगतान ही 100 फीसदी डिजिटल हो रहा है। वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद रिजर्वेशन व जनरल टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग 60 प्रतिशत से ऊपर नहीं जा पा रही है। कोविड-19 के मद्देनजर अब रेलवे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान भी छेड़ने जा रहा है।
मंडल में कैशलेस की ऐसे हो रही तैयारी
100% कैशलेस हाे पाएगा
रतलाम, मंडल रेल प्रबंधकविनीत गुप्ता ने कहा कि यात्री सुविधा के लिए रेलवे खुद को कैशलेस करने जा रही है। अधिकांश जगह पीओएस मशीन लग गई है। टिकट चेकिंग स्टाफ के लिए खरीदी जा रही है। नागरिकों को जागरूक करना होगा, तभी 100 प्रतिशत लेन-देन कैशलेस हो पाएगा।
यात्री और व्यापारी इन माध्यमों से कर सकेंगे पेमेंट
ऑनलाइन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रेल कार्ड, ई-वॉलेट, पार्सल डेबिट कार्ड व इसी तरह के अन्य।
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