जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मां-बेटे के झगड़े में आदेश दिया है कि बेटा हर माह मां के खाते में 20 हजार रुपए डालेगा। यह राशि अगस्त 2021 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह हाे जाएगी, जाे बेटे काे अाजीवन देना है। साथ ही उसे अपनी विधवा बहन का मकान भी खाली करना पड़ेगा, जिस पर वह तैयार हाे गया है।
दरअसल बेटे ने मां से रुपया लेकर बिजनेस खड़ा किया और शादी के बाद मां की उपेक्षा करने लगा। साथ ही बहन को भी प्रताड़ित करने लगा। इस मामले में प्राधिकरण ने सभी पक्षों की एक माह तक काउंसलिंग की। प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि महिला ने शिकायत की थी कि उनका इवेंट मैनेजमेंट का बिजनेस था। उन्होंने यह बिजनेस वर्ष 2005 में वीआरएस लेकर लगभग 6 लाख रुपए में शुरू किया था। वे अपने बेटे को आत्मनिर्भर बनाना चाहती थी। लेकिन बेटे ने उनके पूरे व्यवसाय पर कब्जा कर उन्हें बाहर कर दिया। वह खर्चें तक के लिए पैसे नहीं देता। उन्होंने बताया कि उनके साथ उनकी बेटी भी रहती,जो कि विधवा है। उनके बेटे ने बेटी के फ्लैट पर भी कब्जा कर लिया है। उल्टे उससे 4 लाख रुपए ले लिए हैं। अब बेटा-बहू मां और बेटी को प्रताड़ित करते हैं। बहन ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि पति की मृत्यु के बाद से ही भाई और मां दोनों उसके साथ रहने आ गए थे।
अब यह होगा...
अनावेदक को बहन का घर छोड़ने कहा, जिस पर वह मान गया। साथ ही इस माह से अगस्त 2021 तक हर माह की 10 तारीख को 20 हजार और इसके बाद आजीवन हर माह 25 हजार रुपए अपनी मां के बचत खाते में अनिवार्य रूप से डालेगा। अनावेदक का बिजनेस और उससे जुड़े सामान आदि पर आधिपत्य होगा और मां तथा बहन इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेेंगी।
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