अचानकमार टाइगर रिजर्व के लिए क्षेत्र के 19 गांव विस्थापित किए जाएंगे। व्यवस्थापन के रुप में राज्य सरकार विस्थापित गांव के प्रत्येक परिवार को दस लाख रुपए नकद या दो हेक्टेयर जमीन व फिर पांच हजार फीट की बाड़ी देगी। लोगों को पेयजल, सड़क आदि सुविधाओं के साथ ही परिवार की सहमति से उपयुक्त स्थान पर जमीन दी जाएगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। जाति प्रमाण-पत्र जारी करने तथा निरस्त करने की प्रक्रिया की समीक्षा की गई तथा भू-राजस्व धाराओं में संशोधन करने के संबंध में राज्य सलाहकार परिषद की उपसमिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया। इस दौरान अचानकमार टाइगर रिजर्व में तीन ग्रामों तिलईडबरी, बिरारपानी, छिरहट्टा के विस्थापन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। क्षेत्र के कुल 19 गांवों के विस्थापन के लिए सहमति प्रदान की गई साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया। सीएम ने कहा कि वन क्षेत्रों में आरेंज क्षेत्रों का सर्वे कर राजस्व अभिलेखों को दुरूस्त किया जाए। बंदोबस्त त्रुटि सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। वन अधिकार मान्यता पत्र में व्यक्तिगत पट्टे और सामुदायिक पट्टे दिए जा रहे हैं इसके लिए ग्राम स्तर पर जनप्रतिनिधि पात्र व्यक्तियों के आवेदन लेने के साथ इसे ग्राम सभा से पारित कर उन्हें वन भूमि का पट्टा दिया जाए। सीएम ने सलाहकार परिषद के सदस्यों को मसाहती ग्रामों के संबंध में अपने सुझाव विभागीय मंत्री और सचिव को भेजने कहा। जनजाति सलाहकार परिषद में विशेष पिछड़ी जनजाति के प्रतिनिधि को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल करने पर सहमति प्रदान की गई। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति दिए जाने के लिए आय सीमा बढ़ाने के संबंध में भारत सरकार को पत्र लिखा गया है।
21 नए छात्रावासों में 14 हजार से ज्यादा सीटें : छात्रावासों में स्वीकृत सीट से ज्यादा आवेदन आते हैं इसलिए 21 नए छात्रावास में 14750 सीटों की स्वीकृति दी है।
भू-राजस्व संहिता में संशोधन के लिए उपसमिति गठित
भू-राजस्व संहिता के आदिवासियों भूमि के अंतरण के संबंध में नियमों को संशोधन करने के लिए उप समिति का गठन किया गया है। इसमें विधायक मोहन मरकाम, चिंतामणी महराज, इन्द्र शाह मण्डावी, लक्ष्मी ध्रुव, लालजीत राठिया और शिशुपाल सिंह सोरी को शामिल किया गया है। यह कमेटी आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचने के संबंध में नियमों का परीक्षण कर इन नियमों को संशोधन किए जाने के प्रस्ताव के संबंध में अगली बैठक में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
एथेनॉल बनाने चार कंपनियों के साथ 508 करोड़ के एमओयू
छत्तीसगढ़ में जल्द ही एथेनॉल बनाने की शुरुआत होगी। प्रदेश में पहली बार एथेनॉल निर्माण इकाइयां स्थापित किए जाएंगे। सीएम भूपेश की मौजूदगी में इसके लिए चार कंपनियों के साथ 507 करोड़ 82 लाख रुपए का एमओयू साइन किया गया। चारों संयंत्रों से एक लाख 17 हजार पांच सौ किलोलीटर एथेनाल निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए साढ़े तीन लाख टन धान की आवश्यकता होगी। वहीं इन चारों इकाइयों से प्रदेश के 583 लोगों को रोजगार मिलेगा। इन इकाइयों में से दो मुंगेली और एक-एक जांजगीर-चांपा तथा महासमुंद में स्थापित होंगे। इन एमओयू पर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुवा तथा संबंधित एथेनॉल निर्माण इकाई के उद्योगपतियों द्वारा हस्ताक्षर किया गया। सीएम भूपेश ने कहा कि छत्तीसगढ़ सीमेंट, बिजली और स्टील प्लांट आदि के रूप में तो विख्यात है ही, लेकिन अब यहां एथेनॉल निर्माण की इकाई से छत्तीसगढ़ की खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी नई पहचान बनेगी। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने उद्योगपतियों से इकाइयों की स्थापना को शीघ्रता से पूर्ण करने के लिए कहा।
ये कंपनियां करेंगी एथेनॉल का उत्पादन :मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड कुम्हारी, मेसर्स चिरंजीवनी रियल कॉम प्राइवेट लिमिटेड बिलासपुर, मेसर्स क्यूबिको केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड
भिलाई, मेसर्स श्याम वेयरहाउसिंग एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एमओयू किया गया। 98 करोड़ का निवेश किया जाएगा। इससे 93 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। इकाई द्वारा 30 हजार किलोलीटर एथेनॉल निर्माण का वार्षिक लक्ष्य है।
छह महीने में ही कुपोषण में आई 13% कमी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को राष्ट्रीय पोषण माह 2020 का ई-शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ में 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित और 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में बच्चों और महिलाओं की इतनी बड़ी संख्या कुपोषित है, मै समझता हूं कि कुपोषण नक्सल से भी बड़ी समस्या है। हमें सुपोषित छत्तीसगढ़ बनाना है जिससे आने वाली पीढ़ी स्वस्थ्य और खुशहाल रहे।इस मौके पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह ने भी हिस्सा लिया।
फर्जी प्रमाण-पत्र निरस्तीकरण होगा आसान
मुख्यमंत्री बघेल ने अजजा (अत्याचार निवारण) एक्ट की राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मॉनीटरिंग समिति की भी बैठक की। मुख्यमंत्री ने सदस्यों के सुझावों पर जाति प्रमाण-पत्रों के निरस्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया आसान है, लेकिन उसके निरस्त करने की प्रक्रिया कठिन है। निरस्तीकरण की प्रक्रिया सरल होने से प्रमाण पत्र धारकों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के निराकरण में तेजी आएगी। बैठक में सदस्यों ने सुझाव दिया कि हाईकोर्ट से स्टे जल्द वेकेट कराए जाएं।
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